DPDP 2023 : डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन विधेयक बना अधिनियम, राष्ट्रपति से मिली मंजूरी

Digital Personal Data Protection Bill made Act

DPDP 2023 : लोगों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए भारत की सरकार समय-समय पर विधेयक लाकर उसे कानून बनाया है। इसे और मजबूत करने के लिए सरकार कई दिनों से डिजिटल पर्सनल डेटा पर काम कर रही थी। मानसून सत्र के दौरान केंद्र की मोदी सरकार डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन विधेयक संसद मे लाई। ये पिछले हफ्ते ही संसद में पास हुआ है और अब इसे राष्ट्रपति की भी मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद DPDP बिल अब एक्ट यानी अधिनियम बन गया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया के जरिए दी है।

Digital Personal Data Protection Bill made Act

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डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन विधेयक बना अधिनियम

लोकसभा में यह विधेयक 7 अगस्त को पारित हो हुआ। उसके बाद इस राज्यसभा में पेश किया गया जहां ज्यादातर सांसदों की सहमती से ये बिल राज्यसभा से भी पास हुआ। ऐसे में अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल जाने से ये विधेयक कानून का रूप ले ली है।

बता दें कि इस विधेयक में भारतीय नागरिकों की गोपनीयता की रक्षा करने का भी प्रावधान है, साथ ही जुर्माने का भी प्रस्ताव है। किसी भी व्यक्ति के डिजिटल डेटा का दुरुपयोग करने या उसकी सुरक्षा करने में विफल रहने पर संस्थाओं पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके तहत टेक कंपनियों को अब यूजर्स की डाटा की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम करने होंगे और किसी भी तरह के डाटा लीक होने पर इसकी जानकारी सबसे पहले डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड (DPB) और यूजर्स को देनी होगी।

कानून का पालन न करने पर संस्थाओं पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना

बिल को संसद में पेश करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि, ’90 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़ गए हैं और छोटे-छोटे गांव तक डिजिटल सुविधा पहुंच गई है। ऐसे में डिजिटल डेटा की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसे देखते हुए यह विधेयक लाया गया है।’ इसके साथ ही उन्होनें ये भी कहा था कि इस विधेयक में डेटा सुरक्षा के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं। जो भी डेटा लिया जाएगा, उसका कानून के अनुसार, निर्दिष्ट काम के लिए निश्चित उपयोग किया जाएगा, उपयोग के बाद डेटा को डिलीट करना होगा, डेटा को निजी रखने के लिए समस्त उपाय किए जाएंगे तथा डेटा लेने वाले की यह जिम्मेदारी होगी कि वह कानून के अनुसार डेटा की सुरक्षा करेगा।

 

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