दिल्ली यूनिवर्सिटी: CVS कॉलेज के शिक्षकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की मांग की

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दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टीज के शिक्षकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को एक पत्र लिखा है। ये पत्र कॉलेज में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित लिखा गया है। इस पत्र के माध्यम से शिक्षकों ने मांग की है कि प्रधानाचार्य इंद्रजीत डागर और कॉलेज के शासी निकाय अध्यक्ष प्रोफेसर संगीत रागी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। शिक्षकों ने दावा किया है कि ये दोनों वित्तीय भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में मिलकर काम कर रहे हैं। वो भ्रष्टाचार के कृत्यों को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।

डॉ. इंद्रजीत डागर पर आरोप

शिक्षकों के अनुसार शासी निकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर रागी ने प्रधानाचार्य इंद्रजीत डागर (Principal Inderjeet Dagar) के खिलाफ हो रही जांच को बंद कर दिया। आपको बता दें कि प्रधानाचार्य डागर पर बड़े पैमाने पर पुस्तकालय कोष की हेराफेरी करने का आरोप लगा है।

इस संबंध में जब पीटीआई-भाषा ने डॉ. डागर को फोन किया, तो उन्होंने फोन कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया। वहीं रागी ने उनके खिलाफ लगे गए आरोपों को निराधार करार दिया और साथ ही कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है।

जानें पूरा मामला

आपको बता दें कि कॉलेज ऑफ वोकेशन स्टडीज के प्रिंसिपल इंद्रजीत डागर पर तब वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा था, जब एक लाख में खरीदी गई 180 किताबें कॉलेज नहीं आई। इस मामले को लेकर इनके खिलाफ वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की शिकायतें मिली थी।

इन आरोपों के बीच जनवरी 2022 में डॉ. इंद्रजीत डागर को छुट्टी पर भेज दिया गया था। कॉलेज की तत्कालीन गवर्निग बॉडी के अध्यक्ष डॉ. राजन चोपड़ा द्वारा एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन हुआ था। इस समिति का हिस्सा हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और प्रवर्तन निदेशालय के एक पूर्व निदेशक हैं।  हालांकि डॉ. राजन चोपड़ा का कार्यकाल पूरा होने के बाद 3 मार्च को कॉलेज गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन के स्थान पर प्रोफेसर संगीत रागी (Professor Sangeet Ragi) को नियुक्त किया गया।

कहा गया है कि रागी ने छुट्टी पर चल रहे डॉ. इंद्रजीत डागर को बहाल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने ये कहकर डॉ. डागर को बहाल किया कि जबरन छुट्टी सेवा नियमों का हिस्सा नहीं है। यही कारण है कि शिक्षकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।

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