COVID-19 in Pregnancy : देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर बढ़ रहा हैं। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक को सावधानी बरतने की जरूरत है। साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओं को भी अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। हाल ही में प्रेग्नेंट महिलाओं पर हुई शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) संक्रमण वाली माताएं, जिन बच्चों को जन्म देती है। उनमें प्रसव (delivery) के बाद पहले 12 माह में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (इस बीमारी में व्यक्ति ठीक प्रकार से कम्यूनिकेट और खुद को एक्सप्रेस नहीं कर पाता है- Autism Spectrum Disorder) जैसे न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों के लक्षण होने की संभावना ज्यादा होती है।
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शोध में सामने आई चौंकाने वाली खबर
रिसर्च में पता चला है कि कोविड-19 सकारात्मकता 12 माह के उम्र में पुरुष बच्चों में न्यूरोडेवलपमेंटल डायग्नोसिस के लगभग दो गुना ज्यादा उच्च बाधाओं से जुड़े थे। इसके अलावा जो शिशु 18 माह से अधिक के थे उनमें इसके प्रभाव मामूली थे। जबकि मातृ सार्स सीओवी 2 सकारात्मकता के साथ इस उम्र में एक न्यूरोडेवलपमेंटल लक्षण के 42% ज्यादा बाधाओं से जुड़ा था। पुरुष शिशुओं में इसका जोखिम असमान रूप से ज्यादा था, जो कि प्रसवपूर्व प्रतिकूल जोखिमों की वजह से पुरुषों की ज्ञात बढ़ती भेद्यता के अनुरूप है।
पहले किए गए अध्ययन में प्रेगनेंसी (COVID-19 in Pregnancy) के दौरान अन्य संक्रमणों और बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) के बढ़ते जोखिम के बीच संबंध पाया गया था। लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई थी कि गर्भावस्था के दौरान सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) संक्रमण के साथ कोई ऐसा जुड़ाव था या नहीं।
आपको बता दें कि इस शोध में कोविड-19 महामारी के दौरान 18,355 जीवित बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच की गई थी, जिसमें गर्भावस्था (COVID-19 in Pregnancy) के दौरान सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) से संक्रमित 883 व्यक्ति शामिल थे। इसमें से 26 को जीवन के पहले 12 माह के दौरान न्यूरोडेवलपमेंल डायग्नोसिस मिला। जबकि अप्रभावित 317 बच्चों में इसके लक्षण मिलें।
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