Chor Bazaar of India: मुंबई, जिसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है, अपनी विविधता और अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है। यहां के कमाठीपुरा इलाके में स्थित डेढ़ गली चोर बाजार न केवल देश का सबसे बड़ा चोर बाजार है, बल्कि यह ऐतिहासिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस बाजार की शुरुआत 1950 में हुई थी और तब से यह बाजार अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है।
चोर बाजार की अनोखी पहचान
मुंबई के कमाठीपुरा क्षेत्र में स्थित इस बाजार को ‘चोर बाजार’ कहा जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहां चोरी का सामान बेचा जाता है। वास्तव में, इस बाजार में मिलने वाले सामान छोटे-छोटे स्थानीय निर्माताओं और फैक्ट्रियों से आते हैं। इसके अलावा, कई बार ब्रांडेड कंपनियों के खराब या अस्वीकृत उत्पाद भी इस बाजार में बेचे जाते हैं। यह बाजार सुबह 4 बजे शुरू होता है और 8 बजे तक बंद हो जाता है। केवल चार घंटों में यहां हजारों खरीदार उमड़ पड़ते हैं, जो किफायती दरों पर सामान खरीदते हैं।
क्या मिलता है इस बाजार में?
चोर बाजार में हर प्रकार का सामान मिलता है। यह बाजार इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, मोबाइल फोन, जूते, कपड़े, घड़ियां और यहां तक कि फर्नीचर के लिए भी प्रसिद्ध है। मेड इन चाइना उत्पाद भी यहां बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। बाजार में ब्रांडेड सामान की नकल वाले उत्पाद बेहद कम दामों पर मिलते हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित करते हैं।
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चोर बाजार का इतिहास
चोर बाजार की स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी और इसे ‘शोर बाजार’ कहा जाता था। यह नाम वहां के शोरगुल और भीड़भाड़ के कारण पड़ा। लेकिन समय के साथ यह ‘चोर बाजार’ के नाम से जाना जाने लगा। इस बाजार में एक समय चोरी का सामान बेचा जाता था, लेकिन अब यह केवल एक मिथक बनकर रह गया है। मौजूदा समय में यह बाजार छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों के लिए एक बड़ा मंच है।
कारोबार और आर्थिक महत्व
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बाजार में एक दिन में 15 से 20 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। यह न केवल मुंबई की अर्थव्यवस्था में योगदान करता है, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है।
खरीदारी का समय और प्रक्रिया
इस बाजार की सबसे बड़ी खासियत इसका समय है। सुबह के 4 बजे से 8 बजे तक चलने वाला यह बाजार खरीदारी के लिए अनोखा अनुभव प्रदान करता है। यहां आने वाले ग्राहकों को जल्दी उठकर आना पड़ता है, क्योंकि सामान जल्दी खत्म हो जाता है।
इस बाजार से जुड़े मिथक
कई लोगों को लगता है कि इस बाजार में मिलने वाला सामान चोरी का होता है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है। आज के समय में यह बाजार छोटे निर्माताओं और फैक्ट्रियों से जुड़े उत्पादों का केंद्र है।
कैसे पहुंचे चोर बाजार?
चोर बाजार मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए मुंबई के किसी भी हिस्से से लोकल ट्रेन, टैक्सी या ऑटो का उपयोग किया जा सकता है। यह बाजार अपने किफायती और विविधतापूर्ण सामान के कारण हर किसी को आकर्षित करता है।
मुंबई का चोर बाजार न केवल खरीदारी के लिए, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। यह बाजार मुंबई की उस छवि को दर्शाता है जो हमेशा बदलते समय के साथ खुद को ढालने में सक्षम है। यदि आप कभी मुंबई जाएं, तो इस अद्वितीय बाजार का अनुभव लेना न भूलें। यह न केवल आपकी जेब के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि आपको मुंबई की असली आत्मा का अनुभव भी कराएगा।