नहीं सुधर रहा चीन: अब बदले अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम, भारत बोला- ऐसा करने से…

india vs china

चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। चीन ने इस बार धूर्तता दिखाते हुए अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन ने तीन भाषाओं चीनी, तिब्बती और पिनयिन में नामों की तीसरी लिस्ट जारी की है।

11 जगहों का बदला नाम

मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों की लिस्ट जारी की है, जिसमें दो मैदानी इलाके, दो रिहायश, पांच पहाड़ी और दो नदियां शामिल हैं। पांच सालों में चीन ने तीसरी बार ऐसी हरकत की है। इसके पहले वो दो बार अप्रैल 2017 और दिसंबर 2021 में एकतरफा रूप से अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदला चुका है। आपको बता दें कि चीन ने 2017 में 6 जगहों और 2021 में 15 स्थानों के नाम बदले गए थे। अब तीसरी लिस्ट में 11 स्थानों के नाम बदल दिए गए हैं। चीन ने जिन जगहों के नाम बदले है, उसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के पास की एक जगह भी शामिल है।

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भारत का जवाब

वहीं चीन की इस हरकत पर भारत की ओर से पलटवार किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस पर कहा है कि चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स हमारे सामने पहले भी आ चुकी हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलने वाली।

चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति से कई देशों को परेशान करता आया है। वो भारत में भी कई बार घुसपैठ की कोशिशें करता रहता है। वो बात अलग है कि हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है। दरअसल, चीन ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के तौर पर मान्यता नहीं दी है। चीन अरुणाचल प्रदेश के 90 हज़ार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अपना बताता है। वहीं हर भारत, चीन के दावे का सख़्ती से खंडन करता आया है।

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच के संबंध पिछले करीब तीन वर्षों से वैसे ही तनावपूर्ण बने हुए हैं। लद्दाख में हुई झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आई। एक तरफ तो चीन बातचीत का दिखावा कर भारत के साथ अपने विवाद सुलझाने की बात करता है, तो दूसरी ओर वो इस तरह से उकसाने वाली कार्रवाई करता है, जो चीन के दोगले रवैये को दर्शाता है।

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