Outer Ring Road scam: आउटर रिंग रोड के निर्माण में घोटाले के मामले में सीबीआई ने अब जांच तेज कर दी है। सीबीआई ने घोटाला सामने आने पर स्वत संज्ञान लिया है। दो दिन पहले सीबीआई की एक टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण भी किया है। टीम ने दस दिन पहले ही ठोस सुराग जुटा लिए थे। टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ मिलकर करीब सौ किमी लंबी रिंग रोड की औचक जांच की थी।
भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने में जुटी सीबीआई
लखनऊ में आउटर रिंग रोड बनाने में भ्रष्टाचार को अंजाम देने की जांच कर रही सीबीआई ने अफसरों का ब्योरा मांगा है। जांच एजेंसी जल्द ही मामले में एनएचएआई के अफसरों से पूछताछ भी करेगी। सीबीआई ने एनएचएआई कार्यालय से इस प्रोजेक्ट से जुड़े जरूरी दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।
क्या है यह पूरा मामला ?
दरअसल, आउटर रिंग रोड के निर्माण का टेंडर गुजरात की सद्भाव इंजीनियरिंग कंपनी को मिला था। कंपनी तय समय में काम पूरा नहीं कर पाई। इस पर एनएचएआई ने 14 सितंबर 2022 को एग्रीमेंट समाप्त कर गुड़गांव की गावर कंस्ट्रक्शन को काम दे दिया। सद्भाव, गावर व एनएचएआई के बीच ट्राईपैड एग्रीमेंट होने के बाद सड़क बनी थी लेकिन कुछ महीने में ही सड़क उखड़ने लगी थी। इसके बाद ही सड़क निर्माण में अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
प्रारंभिक जांच में सामने आई ये बात
बता दें कि सीबीआई की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि रिंग रोड के निर्माण के लिए टेंडर में तमाम अनियमितताएं की गईं। सीबीआई इनका परीक्षण कर विधिक राय ले रही है, ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी जांच भी टेकओवर की जा सके। इस दौरान निर्माण कार्य करने वाली दो कंपनियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो गया।
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