Thursday, January 30, 2025
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Supreme Court ने चुनाव प्रचार के लिए ताहिर हुसैन को कस्टडी परोल दी, 5 जनवरी को दिल्ली में चुनाव

Supreme Court ने दिल्ली दंगों के आरोपी और AIMIM के मुस्तफाबाद विधानसभा के प्रत्याशी ताहिर हुसैन को कस्टडी परोल पर चुनाव प्रचार की अनुमति दी है। यह परोल 29 जनवरी से 3 फरवरी तक, कुल 6 दिनों के लिए दी गई है। इस दौरान ताहिर को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक प्रचार करने की इजाजत होगी, जबकि बाकी समय जेल में रहना होगा। विशेष शर्तों के तहत इस परोल की अनुमति दी गई है, जिसमें ताहिर को अपनी सुरक्षा और सरकारी वाहनों पर आने वाले खर्च का भुगतान खुद करना होगा।

ताहिर हुसैन पर गंभीर आरोप

ताहिर हुसैन पर 2020 के दिल्ली दंगों में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। उस पर इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है। इसके अलावा, उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत भी मामले दर्ज हैं। उस समय ताहिर आम आदमी पार्टी (AAP) का पार्षद था, लेकिन इस बार उसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने टिकट दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर को नामांकन दाखिल करने के लिए कस्टडी परोल दी थी, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ताहिर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पहले 2 जजों की बेंच इस पर निर्णय नहीं ले सकी, जिसके बाद मामले को 3 जजों की बेंच के पास भेजा गया।

जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मिश्रा की बेंच में मंगलवार को सुनवाई हुई। ताहिर के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कोर्ट से कहा कि वह अंतरिम जमानत की बजाय कोर्ट द्वारा तय शर्तों पर कस्टडी परोल स्वीकार करने को तैयार हैं।

दिल्ली पुलिस का विरोध

दिल्ली पुलिस की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस. वी. राजू ने ताहिर हुसैन को परोल देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में परोल देना गलत मिसाल कायम करेगा। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान सुरक्षा और सरकारी संसाधनों पर होने वाले भारी खर्च का भी हवाला दिया।

कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने ताहिर हुसैन को कस्टडी परोल पर रिहा करने की अनुमति दी, लेकिन कुछ सख्त शर्तों के साथ। ताहिर को अपनी सुरक्षा और सरकारी वाहनों पर होने वाले खर्च का भुगतान खुद करना होगा। दिल्ली पुलिस ने बताया कि प्रचार के दौरान 24 घंटे के लिए सुरक्षा का खर्च 4.14 लाख रुपये होगा। कोर्ट ने समय सीमा तय कर यह खर्च आधा कर दिया, जिससे हर दिन 2,07,428 रुपये का खर्च आएगा।

कस्टडी परोल की शर्तें

  1. समय सीमा: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही प्रचार की अनुमति।
  2. खर्च का भुगतान: सुरक्षा और सरकारी वाहन पर हर दिन 2.07 लाख रुपये का खर्च, जिसे एडवांस में देना होगा।
  3. जेल वापसी: शाम 6 बजे के बाद जेल लौटना अनिवार्य।
  4. चुनाव प्रचार की सीमाएं: प्रचार के दौरान केस या गवाहों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
  5. रहने की जगह: वह अपने परिचित उस्मान अहमद और क्राउन प्लाजा गेस्ट हाउस में रहेंगे।
  6. घर जाने की मनाही: ताहिर अपने घर (E-7, मेन करावल नगर) नहीं जा सकते।
  7. पुलिस टीम की व्यवस्था: सुरक्षा में तैनात पुलिस टीम के लिए व्यवस्था करना होगी।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए एक सीमित अवसर देता है, लेकिन उसके खिलाफ चल रहे मामलों की गंभीरता को देखते हुए कड़ी शर्तें लगाई गई हैं। यह निर्णय न्यायपालिका के उस संतुलन को दर्शाता है, जिसमें आरोपी को अपने संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करने की अनुमति दी गई, लेकिन कानूनी और सुरक्षा चिंताओं को भी प्राथमिकता दी गई। 

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