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Karwa Chauth Special Dish Kadhi : करवा चौथ में आखिर क्यों बनानी चाहिए कढ़ी, जानिए इस बारे में

Karwa Chauth Special Dish Kadhi: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलती हैं

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Karwa Chauth Special Dish Kadhi

Karwa Chauth Special Dish Kadhi: करवा चौथ एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलती हैं। इस त्योहार की विभिन्न परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, जिनमें विशेष पकवानों का महत्व है। करवा चौथ के दिन खासतौर पर कढ़ी बनाने की परंपरा है, जो उत्तर भारत में बहुत प्रचलित है।

धार्मिक दृष्टिकोण से कढ़ी बनाना शुभ

हिंदू धर्म में पीले रंग को बहुत ही शुभ और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। व्रत और त्योहारों में पीले रंग के वस्त्र, फूल और भोजन का विशेष महत्व होता है। पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक है, इसलिए कढ़ी जैसी पीली रंग की खाद्य सामग्री का सेवन शुभ माना जाता है। करवा चौथ के दिन कढ़ी बनाकर व्रत खोलना इस शुभता से जुड़ा हुआ है। कढ़ी का पीला रंग हल्दी से आता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।

Karwa Chauth Special Dish Kadhi

भगवान कृष्ण से जुड़ा संबंध

कढ़ी के धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसका संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण को दूध, दही, मक्खन और मिश्री जैसी चीजें अत्यंत प्रिय थीं। कढ़ी, जो बेसन और दही से बनाई जाती है, भगवान कृष्ण के प्रिय भोजन में से एक है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की पूजा में कढ़ी-चावल का भोग लगाया जाता है, क्योंकि यह सादा, स्वास्थ्यवर्धक और सात्विक भोजन माना जाता है। करवा चौथ के दिन श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के उद्देश्य से कढ़ी बनाकर भोग लगाया जाता है, जिससे परिवार की सुख-समृद्धि बनी रहे।

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पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन

कढ़ी सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ही नहीं रखती, बल्कि यह पोषण से भरपूर व्यंजन भी है। इसमें दही और बेसन का इस्तेमाल होता है, जो पाचन के लिए अच्छा होता है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। व्रत के बाद जब महिलाएं कढ़ी और चावल का सेवन करती हैं, तो यह शरीर को ऊर्जा और स्फूर्ति देता है। कढ़ी, हल्की होने के कारण, पेट को आराम देती है और दिनभर के व्रत के बाद आसानी से पच जाती है।

Karwa Chauth Special Dish Kadhi

करवा चौथ के दिन कढ़ी बनाना धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्यवर्धक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। पीले रंग की कढ़ी शुभ मानी जाती है, और इसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय भोजन के रूप में भी देखा जाता है। इस प्रकार, कढ़ी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि व्रत की समाप्ति का एक पवित्र और सकारात्मक प्रतीक है, जो परिवार में सुख-समृद्धि और शांति लेकर आता है।