Friday, September 20, 2024
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Ukraine Russia War : आखिर कब तक चलेगा ये युद्ध, क्या कोई पीछे हटेगा ?

Ukraine Russia War: रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से अधिक समय हो चुका है। हालांकि, अभी तक कोई निर्णायक परिणाम नहीं निकला है, और दोनों देशों के नेता हार मानने को तैयार नहीं हैं। युद्ध के शुरुआती दिनों में रूस ने यूक्रेन पर जबरदस्त हमला किया था, लेकिन अब यूक्रेन ने भी जवाबी हमले तेज कर दिए हैं और रूस की जमीन पर कब्जा करने की रणनीति बना रहा है।

यूक्रेनी रणनीति में बदलाव

युद्ध के शुरुआती दौर में यूक्रेन की रणनीति मुख्यतः रक्षात्मक थी। रूस के विशाल सैन्य बल के सामने यूक्रेनी सेना को अपने सीमाओं की रक्षा करनी थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, यूक्रेन ने अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत किया और अब वह रणनीतिक हमलों के माध्यम से रूस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। यूक्रेन की सेना अब रूसी जमीन पर हमले करने में सक्षम है, और उसने कई रूसी शहरों में ड्रोन अटैक भी किए हैं।

यूक्रेन की सेना ने रूस के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इन हमलों का उद्देश्य रूस के सैन्य ढांचे को कमजोर करना और रूस को इस युद्ध में अधिक नुकसान पहुंचाना है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस संघर्ष को जारी रखने और रूस के खिलाफ अधिक हमले करने की योजना बनाई है।

अमेरिकी समर्थन की प्रतीक्षा | Ukraine Russia War

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की योजना स्पष्ट है – रूस को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने के लिए अमेरिका से अधिक सैन्य सहायता प्राप्त करना। यूक्रेन को अब तक अमेरिका से 50 बिलियन डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता मिली है, लेकिन यह सहायता मुख्यतः रक्षात्मक हथियारों तक ही सीमित रही है। अमेरिका ने अभी तक यूक्रेन को इन हथियारों से रूस पर आक्रामक हमला करने की अनुमति नहीं दी है।

जेलेंस्की अब अमेरिका से उन हथियारों का उपयोग करने की अनुमति चाहते हैं जो रूस के सैन्य ठिकानों पर सीधा हमला कर सकें। यूक्रेन का मानना है कि रूस की सैन्य ताकत को कमजोर करने के लिए सीधे उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना आवश्यक है। जेलेंस्की को विश्वास है कि अगर उन्हें अमेरिका से हरी झंडी मिलती है, तो वह रूस के खिलाफ निर्णायक हमले कर सकते हैं।

खार्कीव पर हमला और यूक्रेनी जवाब | Ukraine Russia War

हाल ही में रूस ने खार्कीव पर जबरदस्त हमला किया, जिसमें 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस हमले ने यूक्रेन को यह अहसास कराया कि यदि रूस की सैन्य ताकत को कमजोर नहीं किया गया, तो ऐसे हमले और अधिक हो सकते हैं। इसलिए, जेलेंस्की ने एक नई रणनीति बनाई है, जिसमें रूस के सैन्य ठिकानों और हथियारों के बेस पर हमला करना शामिल है। उनका मानना है कि केवल रूस के सैन्य ढांचे को नष्ट करके ही इस युद्ध को रोका जा सकता है।

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अमेरिका पर दबाव

यूक्रेन ने अमेरिका पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है कि वह उन्हें रूस के खिलाफ आक्रामक कदम उठाने की अनुमति दे। जेलेंस्की का मानना है कि अमेरिका की मंजूरी के बिना, वह रूस को पर्याप्त नुकसान नहीं पहुंचा सकते। इसलिए, उन्होंने अमेरिका के समर्थन के लिए राजनीतिक और राजनयिक प्रयासों को तेज कर दिया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति के अनुसार, अमेरिका का समर्थन मिलने पर, यूक्रेन रूस के महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला कर सकता है, जिससे रूस को भारी नुकसान हो सकता है। जेलेंस्की का मानना है कि रूस के खिलाफ निर्णायक हमलों के बिना यह युद्ध खत्म नहीं हो सकता।

रूस की प्रतिक्रिया

रूस भी इस स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है और उसने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। रूस की सरकार ने यूक्रेन के संभावित हमलों को लेकर अपनी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। रूस की सेना ने भी अपने रक्षा उपायों को मजबूत किया है और किसी भी संभावित हमले का जवाब देने के लिए तैयार है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि रूस इस युद्ध में कोई भी कमजोर रुख नहीं अपनाएगा। उन्होंने यूक्रेन को चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन ने रूस पर आक्रमण किया, तो इसका जवाब भी उतना ही कठोर होगा। रूस ने अपनी सैन्य क्षमताओं को और बढ़ाया है, और यूक्रेन के किसी भी हमले का माकूल जवाब देने की तैयारी कर ली है।

यूक्रेन और रूस के बीच जारी इस युद्ध में कोई पीछे हटने को तैयार

यूक्रेन और रूस के बीच जारी इस युद्ध में अभी तक कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं है। दोनों देशों के नेता इस युद्ध को जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, और इसके चलते यह संघर्ष और भी गंभीर होता जा रहा है। अमेरिका का रुख इस युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अगर अमेरिका ने यूक्रेन को रूस के खिलाफ आक्रामक कदम उठाने की अनुमति दी, तो इस युद्ध की दिशा बदल सकती है।

वहीं, अगर अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन नहीं दिया, तो यूक्रेन को अपने हमलों की रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। रूस के खिलाफ निर्णायक हमले करने के लिए यूक्रेन को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता होगी।

इस युद्ध के अंत की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि दोनों देशों के नेता इसे अपने-अपने तरीके से जीतने की कोशिश कर रहे हैं। जहां रूस ने अपनी सैन्य ताकत को बनाए रखा है, वहीं यूक्रेन ने अपनी रणनीतिक क्षमता को बढ़ाया है। दोनों पक्ष इस संघर्ष को खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं, और यह युद्ध अभी भी जारी रहने की संभावना है।

युद्ध के इस दौर में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। विश्व के बड़े देशों के रुख से इस संघर्ष का भविष्य तय हो सकता है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि अमेरिका और अन्य देश इस युद्ध में क्या भूमिका निभाते हैं, और इससे इस संघर्ष की दिशा कैसे प्रभावित होती है।

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