Shaista Parveen:प्रयागराज के अपराध जगत में एक समय अतीक अहमद का नाम प्रमुखता से गूंजता था। अतीक अहमद, जो पहले एक नेता था, का नाम आज एक दुर्दांत अपराधी के रूप में जाना जाता है। उसके साथ उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन और अन्य परिवार के सदस्य भी अपराध की दुनिया में शामिल हो गए। हाल ही में, पुलिस को शाइस्ता परवीन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं, जो उसके लंबे समय से फरार होने के बाद की स्थिति को समझने में मदद कर सकती हैं।
उमेश पाल हत्याकांड और शाइस्ता परवीन की फरारी
उमेश पाल हत्याकांड ने पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी मचा दी थी। इस हत्याकांड में शाइस्ता परवीन का नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आया, और उसे पुलिस ने मुख्य आरोपियों में से एक घोषित किया। हालांकि, इस घटना के बाद से ही शाइस्ता फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
शमशाद की गिरफ्तारी और पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
तीन दिन पहले, प्रयागराज पुलिस ने अतीक अहमद के गुर्गे शमशाद को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान, शमशाद ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए, जिनसे पुलिस को शाइस्ता परवीन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। शमशाद ने बताया कि उसने शाइस्ता से कुछ महीनों पहले दिल्ली के पास मुलाकात की थी। इस मुलाकात की जानकारी देने वाले सभी गुर्गे अभी जेल में बंद हैं, लेकिन शमशाद ने पुलिस को उन सभी के नाम बता दिए हैं।
शाइस्ता परवीन, जैनब, और आयशा नूरी की खोज में पुलिस की मुस्तैदी
शमशाद ने न केवल शाइस्ता परवीन के बारे में बल्कि अतीक अहमद के अन्य परिवार के सदस्यों, जैसे उसकी बहन आयशा नूरी और अशरफ की पत्नी जैनब के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। पुलिस का मानना है कि ये तीनों महिलाएं एक-दूसरे के संपर्क में हैं और शायद एक साथ छिपी हो सकती हैं। इन जानकारियों के आधार पर, पुलिस ने अपनी खोजबीन तेज कर दी है, खासकर एनसीआर क्षेत्र के आसपास के इलाकों में।
इनाम और पुलिस की रणनीति
शाइस्ता परवीन पर पुलिस ने 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया है, जबकि जैनब और आयशा नूरी पर 25,000-25,000 रुपये का इनाम है। उमेश पाल हत्याकांड में इन तीनों को आरोपित किया गया था, और इनके फरार होने के बाद पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई थीं। अब, शमशाद की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस को उम्मीद है कि वह इन तीनों महिलाओं को जल्द से जल्द पकड़ सकेगी।
शाइस्ता परवीन की पहचान और उसके फरारी के पीछे के कारण
शाइस्ता परवीन, जो कभी एक साधारण महिला थी, कैसे अपराध की दुनिया में आई, यह एक बड़ा सवाल है। अतीक अहमद के साथ विवाह के बाद, शाइस्ता ने धीरे-धीरे अपने पति के काले कारोबार में कदम रखा। अतीक के कई गैरकानूनी धंधों में उसकी भागीदारी रही, और वह अपने पति के साथ इन धंधों को संचालित करती रही। उमेश पाल हत्याकांड में उसकी भूमिका ने उसे कानून के शिकंजे में ला खड़ा किया, लेकिन उसकी चतुराई और चालाकी ने उसे अब तक फरार रहने में मदद की है।
पुलिस की मौजूदा कार्रवाई
पुलिस अब शमशाद से मिली जानकारियों के आधार पर नई रणनीतियां बना रही है। खासकर एनसीआर क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही शाइस्ता, जैनब, और आयशा को गिरफ्तार कर सकेगी।
पुलिस की कार्रवाई के अलावा, यह भी देखा जाना बाकी है कि शाइस्ता परवीन को अपने फरार रहने के लिए कौन सी मदद मिल रही है। कहीं न कहीं, उसे राजनीतिक संरक्षण या अन्य प्रकार की सहायता मिल रही हो सकती है, जो उसकी गिरफ्तारी में बाधा बन रही है।
शाइस्ता परवीन का मामला उत्तर प्रदेश में अपराध और राजनीति के गठजोड़ का एक उदाहरण है। अतीक अहमद के प्रभाव ने शाइस्ता को अपराध की दुनिया में धकेल दिया, लेकिन अब पुलिस का शिकंजा उस पर कसता जा रहा है। शमशाद की गिरफ्तारी के बाद मिले सुराग से पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही शाइस्ता को गिरफ्तार कर सकेगी। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि शाइस्ता कब तक फरार रह पाती है और पुलिस उसे पकड़ने में कितनी सफल होती है।