Hemant Soren Got Bail : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हेमंत सोरेन को जमानत दे दी है। पूर्व सीएम करीब पांच महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने 27 मई को झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 8.42 एकड़ जमीन घोटाला का आरोप है।
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दी दलील | Hemant Soren Got Bail |
हेमंत सोरेन के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने हाई कोर्ट में अपनी दलील में कहा था कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत भुईंहरी नेचर की है और इसे किसी भी परिस्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता हैं। फिर ये जमीन सोरेन को कैसे बेची गई और सोरेन ने इसे खरीद कैसे लिया। कपिल सिब्बल ने आगे दलील में कहा कि इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर हैं।
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इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नामक एक व्यक्ति खेती करता था। बिजली का कनेक्शन उसी के नाम पर पर है। इन दोनो के बीच दूर दूर तक कोई संबंध नहीं हैं। हेमंत सोरेन पर वर्ष 2009-10 में इस जमीन पर जब कब्जा करने का आरोप लगाया गया, लेकिन इसे लेकर कहीं कंप्लेन दर्ज नहीं है। सिर्फ कुछ लोगों के मौखिक बयान के आधार पर बता दिया कि यह जमीन हेमंत सोरेन की है। ED कोर्ट में ये भी नहीं बता सकती कि हेमंत सोरेन ने इस पर कब, कहां और किस तरह कब्जा किया।
ED ने क्या कहा था ? |Hemant Soren Got Bail|
ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि यह इस बात के पर्याप्त सबूत हैं। कि 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का अवैध कब्जा है। इस जमीन के कागजात में भले हेमंत सोरेन का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन जमीन पर अवैध कब्जा पीएमएलए के तहत हैं।आपको जानकारी के लिए बता दू कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमत सोरेन को ED ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। अभी फ़िलहाल वो बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद थे। ED के गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।