Jwala JI Mandir : भारतवर्ष अपने खूबसूरत मंदिरो के लिए जाना जाता है। इनमे से कई मंदिर इतने चमत्कारी होते है की वे आपको मजबूर कर देंगे दर्शन करने के लिए। हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित ज्वाला जी मंदिर , एक प्राचीन तीर्थस्थल है। यहाँ लाखो की संख्या में हर साल लोग आते है और माँ ज्वाला जी की प्रमुख ज्योत के दर्शन का स्वभाग्य प्राप्त करते है। इस मंदिर में देवी माँ अग्नि रूप में प्रकट है। जब माँ सती ने अपना शरीर अग्नि में दे दिया था तो ये नज़ारा देख भोलेनाथ से देखा न गया। वे उन्हें उठाकर पुरे भ्रमांड में घूमने लगे। उनका भार कम करने के लिए विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से सती माता के अंग काटे। जहा जहा भी माँ के अंग गिरे , वे एक शक्तिपीठ बन गया।
कुल मिलाकर माँ के ५१ शक्ति पीठ है। इनमे से एक है ज्वाला जी मंदिर । यहाँ माँ की जीभ गिरी थी। मंदिर में अनेक शिलाओं से प्रकट होती हुई अग्नि जलती है। ये ज्योत कभी नहीं बुझती। न ही आजतक ये पता चल पाया है की ज्योत निकलती कहा से है। अकबर ने भी इस ज्योत को बुझाने की कोशिश की थी। हलाकि वो इस कार्य में ना काम रहा। माँ का ये चमत्कार देख कर उसने माँ को सोने का छत्र बेथ किया। माँ ने उसकी बेथ न स्वीकार कर छत्र की धातु ही बदल दी। आज तक ये बात कोई नहीं बता पाया की छत्र किस धातु का बना है। ज्वाला जी मंदिर एक महत्वपूर्ण भक्ति और आस्था का प्रमुख केंद्र है।यहाँ होने वाले चमत्कारों को कोई नहीं झुटला सकता है।माँ सदा अपने भक्तो की रक्षा करती है।