NCERT Panel Proposal | India Vs Bharat : नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत देशभर के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान संस्थान और प्रशिक्षण परिषद यानी NCERT ने अपने सिलेबस में भी बड़ा बदलाव कर रहा है। इसी बीच एक ऐसी ख़बर सामने आई है जिससे चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एनसीईआरटी कमेटी ने सभी स्कूल की किताबों में ‘इंडिया’ नाम की जगह ‘भारत’ करने की सिफारिश की है। ऐसे में पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय ‘भारत’ प्रिंट देखने को मिल सकता है। इस मामले पर NCERT का आधिकारिक बयान भी सामने आ गया है। उसने स्पष्ट रूप से इस बात को सबके सामने रखा है। गौरतलब है कि एनसीईआरटी पैनल की सिफारिश उस वक्त की गई है, जब सियासी हलको में INDIA नाम को बदलकर भारत रखने पर राजनीतिक चर्चाएं जोरों पर हैं।
NCERT पैनल ने दिया सुक्षाव
इसके अलावा सदस्यों की तरफ से यह भी कहा गया है कि अभी तक किताबों में सिर्फ हमारी असफलताओं के बारे में पढ़ाया जाता रहा है। हमारे सफलता के बारे में ज्यादा जिक्र नहीं किया गया है। उदारहण के तौर पर उन्होनें बताया कि इंडिया शब्द ईस्ट इंडिया कंपनी और प्लासी युद्ध के दौरान शुरू हुआ था, जो आज भी चल रहा है। वहीं, भारत शब्द का इतिहास 5000 साल पुराना है। यहां तक कि विष्णु पुराण जैसे प्राचीन लेखों में भी इसका उल्लेख मिलता है। ऐसे में क्यों ना हम अपने संस्कृति और विरासत को आधार मानते हुए ये महत्वपूर्ण बदलाव करें ? कमेटी का ये भी कहना है कि किताबों में हिंदू युद्धाओं के बारे में भी पढ़ाया जाए।
विपक्ष का क्या है मत ?
हालांकि, विपक्ष इसे पिछले कुछ दिनों से चली आ रही राजनीतिक चर्चाओं से जोड़ कर देख रही है। इसलिए एक बार फिर से इस बात पर बहस तेज हो गई है कि क्या INDIA का नाम भारत करने की प्लानिंग चल रही है? मालूम हो कि ‘INDIA’ से बदलकर ‘भारत’ नाम रखे जाने की सुगबुगाहट बीते महीने सितंबर में तब शुरू हुई जब जी20 के आयोजन के दौरान भारत की राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाए ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था।
आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति 2020 के आने के बाद एनसीईआरटी अपने सिलेबस में बदलाव कर रहा है। जिसके तहत सिलेबस में कई तरह के संशोधन भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सिलेबस में बदलावों को लेकर बीते दिनों 19 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया था। कमेटी का कहना है कि इंडिया की जगह किताबों में भारत लिखा जाए।
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