Olympics 2036 : साल 2023 भारत के लिए काफी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रहा है। इस साल भारत ने जी-20, एशियन चैंपियनशिप, हॉकी वर्ल्ड कप, मोटो जीपी रेसिंग जैसे मेगा इंवेट का सफल आयोजन किया। फिलहाल भारत क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा है। हालांकि, भारत की नजर सबसे बड़े स्पोर्ट्स इंवेट पर है जिसके लिए सरकार ने अपना दावा ठोक दिया है। दरअसल, भारत की नजरें 2036 के ओलिंपिक खेलों की मेजबानी पर है। हाल ही में ओलिंपिक समिति के सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 2036 के ओलिंपिक खेलों के लिए दावेदारी पेश करेगा। पीएम ने 60 से अधिक शहरों में जी 20 की सफल बैठकों और देश में हुई कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का हवाला देते हुए कहा कि भारत इस बड़े टूर्नामेंट के आयोजन के लिए तैयार है।
संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है ?
बहुत समय पहले से ये माना जाता रहा है कि भारत एक गरीब देश है और भारत के जो संसाधन हैं वो यहां के गरीबों पर और जरूरतमंद लोगों पर खर्च होने चाहिए। विपक्ष के नेता और कुछ लोग इस बात पर तर्क देते हैं कि हमारे लिए और भी कई जरूरी चीजें हैं जिसको इकोनॉमिक्स में ऑपर्च्युनिटी कॉस्ट कहा जाता है। अगर आप किसी एक मद पर पैसा खर्च कर रहे हैं, उसके बदले में अगर वो पैसा किसी और मद पर खर्च हो तो वो कितना फायदा दे सकता है। हालांकि, मोदी सरकार ऐसा नहीं मानती, इसलिए वो हर समय इस बात पर जोर देती है कि कहीं से कैसे भी करके भारत में रोजगार लाए।
ओलिंपिक समिति के सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बहुत उत्साहित हैं। यह 140 करोड़ (1.4 अरब) भारतीयों का सदियों पुराना सपना है, यह उनकी आकांक्षा है। मोदी ने आगे कहा कि हम आपके सहयोग और समर्थन से इस सपने को साकार करना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत को आईओसी का समर्थन मिलेगा।
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पिछले साल खेल मंत्री ने दिया था संकेत
आपको बता दें कि पिछले साल खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि आने वाले सत्र के मीटिंग में वो भारत की मेजबानी को लेकर बात जरुर करेंगे। उन्होनें दावा किया कि ओलंपिक 2036 की मेजबानी हासिल करने के लिए भारत पूरी कोशिश करेगा। उन्होंने कहा था कि इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के साथ मिलकर सरकार एक रोडमैप तैयार कर रही है जो कि इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) के सामने प्रजेंट किया जाएगा। गुजरात सरकार इस खेलों के महाकुंभ की मेजबानी हासिल करने की तैयारी भी शुरू कर चुकी है। हालांकि, अभी ये तय नहीं हुआ है कि ये कहां आयोजित किया जाएगा। मोदी ने भी इसके लिए कोई भी फिलहाल संकेत नहीं दिए हैं। ये देखना होगा कि आने वाले दिनों में ये किसके पक्ष में फैसला जाता है।
128 साल के बाद क्रिकेट का ओलंपिक में वापसी
मालूम हो कि हाल ही में 128 साल के बाद क्रिकेट को ओलंपिक में शामिल किया गया है। ओलंपिक गेम का आयोजन पहली बार 1896 में हुआ था। पहली बार जब ओलंपिक का आयोजन हुआ था उस समय क्रिकेट को भी इसमें शामिल किया गया था। साल 1900 में क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा था, लेकिन बाद में इसे ओलंपिक से हटा दिया गया। क्रिकेट को ओलंपिक से बाहर कर दिया गया इसका एक कारण यह भी है कि क्रिकेट खेलने में बहुत अधिक समय लगता है। इन्हीं कारणों से क्रिकेट को ओलंपिक से बाहर कर दिया गया। अंतिम बार ओलंपिक में क्रिकेट पेरिस में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच खेला गया था इसके बाद इसे बंद कर दिया गया। हालांकि एक लंबे समय के बाद क्रिकेट को फिर से ओलंपिक का हिस्सा बना दिया गया है।
इसमें टी20 फॉर्मेट को शामिल किया गया है। कुछ दिन पहले ही क्रिकेट और स्क्वैश को ओलंपिक खेलों में जोड़ने के लिए आयोजन समिति ने ही सिफारिश की थी। जिसके बाद एपेक्स ओलंपिक बॉडी ने मुंबई में हुई बैठक में इसे स्वीकार कर लिया। इस बात की पुष्टि खुद इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बाख ने की।
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