Indian Players who were accused of match fixing : इतिहास गवाह है कि क्रिकेट से कई लोगों की जिंदगियां बदली है। कई खिलाड़ी ऐसे हुए जिन्हें इतना प्यार मिला की वो रातोंरात स्टार बन गए। आज बॉलीवुड सेलेब्रेटी को भी फैंस का उतना प्यार नहीं मिलता जितना की आज क्रिकेटरों को मिल रहा है। कमाई के मामले में भी क्रिकेटर कहीं से भी कम नहीं हैं। वो भी करोड़ो कमाते हैं। लेकिन ये भी सच है कि इतिहास में ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं जिन्होनें क्रिकेट को शर्मशार करके रख दिया। हम बात कर रहे हैं क्रिकेट में हुए मैच फिक्सिंग की। इस गहरे दाग के कारण कई क्रिकेटरों का करियर भी खत्म हो चुका है। कई बार तो इन्हें पकड़ना मुश्किल रहा है, लेकिन कई बार इन्हें रंगे हाथों भी पकड़ा गया है। इस मामले में पाकिस्तानी खिलाड़ी सबसे आगे है। लेकिन भारत में भी कई बार मैच फिक्सिंग के आरोप में खिलाड़ियों को बैन किया गया है। आज हम इस वीडियो में हम ऐसे ही चार क्रिकेटरों की बात करने वाले हैं जिन्होनें फिक्सिंग का रास्ता चुना और बैन जैसी सजा भुगतना पड़ा।
1. एस श्रीसंत
इस मामले में पहले नंबर पर आते हैं एस श्रीसंत। श्रीसंत को साल 2013 में आईपीएल के दौरान राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए फिक्सिंग के आरोप में बैन किया गया था। श्रीसंत को लाइफटाइम के लिए बैन किया गया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनके उपर से लाइफटाइम बैन हटाते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया था। लेकिन अब भारतीय टीम में उनकी वापसी के आसार कर ही नजर आते हैं।
2. अजय जडेजा
इस लिस्ट में दूसरे खिलाड़ी हैं अजय जडेजा। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अजय जडेजा को एक आक्रामक खिलाड़ी के रूप में जाना जाता था लेकिन इनके उपर भी मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। इस कारण से उन्हें 5 साल तक के लिए बैन कर दिया गया था और फिर उनका कैरियर खत्म हो गया। हालांकि, जनवरी 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके उपर लगे आरोपों से उन्हें खारिज कर दिया और उन्हें खेलने के योग्य माना। लेकिन एक बार बैन लग जाने के बाद फिर उन्हें कभी टीम में जगह नहीं मिली।
3. मनोज प्रभाकर
इस लिस्ट में तीसरा नाम मनोज प्रभाकर है। मनोज प्रभाकर को भी मैच फिक्सिंग के आरोप के बाद बैन किया गया था। बतादें कि उनका नाम तहलका फिक्सिंग कांड में आया था। उन्होंने खुद फिक्सिंग में शामिल होने की बात स्वीकार की थी। इसके बाद BCCI ने उन्हें क्रिकेट खेलने से बैन कर दिया था। ज्ञात हो कि मनोज प्रभाकर का सटोरियों से गठजोड़ था। इस वजह से उन्हें क्रिकेट में 5 साल के लिए बैन कर दिया गया था। बाद में वह भारतीय टीम में कभी नहीं लौटे।
4. मोहम्मद अजहरूद्दीन
इस लिस्ट में अगला नाम मोहम्मद अजहरूद्दीन का है। मोहम्मद अजहरूद्दीन को भारतीय टीम के कप्तान रहते हुए बैन किया गया था। अजहरूद्दीन पर साल 2000 में मैच फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे थे। इसके बाद BCCI ने उन्हें लाइफटाइम के लिए बैन कर दिया था। इस बैन के बाद उनका करियर खत्म हो गया। हालांकि बाद में उन्होंने कोर्ट में अपील की और उन्हें बरी भी किया गया लेकिन तब तक उनकी उम्र हो चुकी थी और वे फिर कभी वापसी नहीं कर सके।
आईसीसी ने बनाए हैं कठोर नियम
तो ये थे वो चार भारतीय नाम जिनके ऊपर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा और उसके बाद वो भारतीय टीम में वापस नहीं लौटे। बता दें कि ICC ने क्रिकेट में फिक्सिंग को बड़ा अपराध मानते हुए कई कड़े प्रतिबंध लगाए हैं और इसमें सजा का भी प्रावधान है। मैच फिक्सिंग को लेकर आईसीसी के अलावा संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड ने भी सख्त नियम बनाए हैं। और यही कारण है कि अब पहले की तुलना में मैच फिक्सिंग के मामल कम दिखते हैं।