Friday, November 22, 2024
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Adipurush: आदिपुरुष फिल्म के डायलॉग को लेकर मनोज मुंतशिर ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा ?

Adipurush: कृति सेनन और प्रभास स्टारर फिल्म आदिपुरुष अपने रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरी हुई हैं। इस फिल्म के डायलॉग को लेकर कई सारे सारे लोग फिल्म के विरोध पर उतर आए हैं। दरअसल इस फिल्म के किरदारों के डायलॉग फैंस को कुछ खास पसंद नहीं आ रहे, जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर यूजर्स मेकर्स को ट्रोल करने लगे हैं। आदिपुरुष’ में भगवान हनुमान के डायलॉग को लेकर बवाल मचा हुआ है, जिस पर अब डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर ने सफाई पेश की है।

Manoj Muntashir defends Adipurush: Not even 1% of it is a deviation from Ramayan - India Today

डायलॉग को लेकर कही बड़ी बात

आपको बता दें कि आदिपुरुष के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर ने फिल्म को ले कर चल रहे विवादों पर आपना एक बयान दिया है और बताया है कि उन्होंने ऐसे  डायलॉग क्यों लिखे? मनोज मुंतशिर का कहना है कि जिस डायलॉग को लेकर हल्ला हो रहा है, उन्हें जानबूझकर ऐसा लिखा गया है, जिससे आजकल के लोग उससे जुड़ सकें। एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान मनोज ने बताया कि सिर्फ हनुमान जी की बात क्यों हो रही है। मुझे लगता है अगर बात होनी चाहिए तो हमें भगवान श्रीराम के जो संवाद है, उनके बारे में भी बात करनी चाहिए। हमें जो मां सीता के संवाद है, जहां वह रावण की अशोक वाटिका में बैठकर चुनौती देती हैं कि रावण तेरी लंका में अभी इतना सोना नहीं है कि जानकी का प्रेम खरीद सके। इसके बारे में बात क्यों नहीं हो रही है। मनोज मुंतशिर ने कहा कि ये डायलॉग जानबूझ कर लिखे गए हैं। इसमें कोई गलती नहीं है। बजरंग बली के डायलॉग एक प्रक्रिया से गुजरे हैं, हमने इन्हें बहुत सिंपल रखा है। एक फिल्म में कई किरदार हैं तो हर कोई एक भाषा में नहीं बात कर सकता है, ऐसे में कुछ अलग होना जरूरी है, इसलिए इसे इस तरह से लिखा गया।

Manoj Muntashir Adipurush Hanuman

मनोज दी सफाई

मनोज मुंतशिर ने सफाई पेश करते हुए कहा कि हम रामायण को कैसे जानते हैं? हमारे यहां कथा वाचन की भी परंपरा है। रामायण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसे हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। अखंड पाठ होता है, कथा वाचक होते हैं, मैं एक छोटे से गांव से आया हूं, हमारे यहां दादी-नानी जब कथा सुनाती थी तो उसी भाषा में सुनाती थीं। यह जो डायलॉग, जिसका जिक्र किया, इस देश के बड़े-बड़े संत, इस देश के बड़े-बड़े कथावाचक ऐसे ही बोलते हैं, जैसे मैंने लिखा है। मैं पहला नहीं हूं, जिसने इस तरह के डायलॉग लिखे हैं। यह पहले से ही हैं।

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