Monday, November 25, 2024
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Karnataka Election 2023: दो बार बदली सरकारें और चार बार मुख्यमंत्री…ऐसा रहा कर्नाटक के पिछले 5 सालों का सियासी सफर

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके हैं। चुनाव प्रचार थम गया, वोटिंग के लिए भी काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसी के साथ कर्नाटक में इस बार किसकी सरकार बनेगी, इसको लेकर अटकलें लगाते हुए कई दावे भी जोर पकड़ रहे हैं। पिछले कई वर्षों से कर्नाटक में एक परंपरा चली आ रही है और वो है सरकार का रिपीट न होने का सिलसिला। दरअसल, 1985 के बाद से ही कर्नाटक में हर बार सरकार बदलती नजर आती हैं। ऐसे में बीजेपी का सत्ता में बने रहना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस के लिए भी कर्नाटक की सत्ता की चाबी हासिल करना उतना आसान नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस-BJP की इस लड़ाई में जेडीएस की भूमिका भी काफी अहम मानी जा रही है। हालांकि कर्नाटक में इस बार सत्ता किसके हाथ लगेगी, इसकी पूरी तस्वीर तो तभी साफ हो पाएगी जब 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे।

2018 में BJP बनीं सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन…

इस बीच अगर देखा कर्नाटक के पिछले पांच सालों की राजनीति पर नजर डालें तो ये सफर काफी उथल-पुथल से भरा रहा। कर्नाटक ने पिछले पांच सालों में दो सरकारों और चार बार मुख्यमंत्रियों को बदलते देखा हैं। 225 विधानसभा सीट वाले कर्नाटक में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। राज्य में BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी, फिर भी सत्ता हासिल से दूर रह गई। दरअसल, 2018 के चुनावों में बीजेपी के खाते में 104 सीटे गई थीं, जबकि कांग्रेस ने 78 और JDS ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की। कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 होता है, जिससे बीजेपी थोड़ा दूर रह गई थीं।

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सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते 17 मई को BJP के बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली लेकिन वो सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए। 23 मई 2018 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस-JDS की गठबंधन सरकार बनी। ज्यादा सीटें जीतने के बाद ही कांग्रेस ने JDS के एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दे दिया। कुमारस्वामी भी ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री के पद पर टिक नहीं पाए। कांग्रेस-JDS के कई विधायकों की बगावत के कारण कुमारस्वामी सरकार गिर गई।

इस बार किसके पक्ष में जाएगा जनादेश?

26 जुलाई 2019 को येदियुरप्पा एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। लेकिन फिर विवादों में घिरने और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद येदियुरप्पा को दो साल में ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद बसवराज बोम्मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनाए गए। इस तरह कर्नाटक ने पिछले पांच सालों में दो बार सरकारों को और चार बार मुख्यमंत्रियों को बदलते देखा हैं। इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे किसके पक्ष में जाते हैं, कौन सी पार्टी सत्ता पर काबिज होती हैं और कौन मुख्यमंत्री पद पर विराजमान होता हैं, ये देखना दिलचस्प रहने वाला हैं।

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