Friday, November 22, 2024
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CBI मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई जारी, क्या मिलेगी राहत?

दिल्ली उच्च न्यायालय में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है। अदालत ने सीबीआई की जमानत याचिका पर दलीलें सुनीं, बाद में मामले को बहस के लिए कल, 27 अप्रैल को सूचीबद्ध किया।

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने प्रस्तुत किया कि सिसोदिया और पार्टी अपने गोवा और पंजाब के लिए धन की व्यवस्था करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति में बदलाव किया और सिर्फ पारदर्शिता दिखाने के लिए उन्होंने एक समिति बनाई लेकिन योजना को निजी पार्टियों के लिए खोल दिया गया। नीति में संशोधन से पहले रिश्वत दी गई और 100 करोड़ का भुगतान किया गया। जांच अभी भी चल रही है। सीबीआई ने कहा कि सबूत छुपाने के लिए कुछ दस्तावेज नष्ट कर दिए गए, फोन गायब कर दिए गए, नष्ट किए गए फोन से संदेश बरामद किए गए। दिल्ली में कार्टेलाइजेशन को प्रभावित करने के लिए समग्र नीति तैयार की गई थी।

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आपको बता दें कि बीते दिनों ही आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने एक नया आरोप पत्र दायर किया और अदालत को सूचित किया कि मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के अनुसार मुकदमा चलाया जाएगा। एमके नागपाल, विशेष सीबीआई न्यायाधीश, अब चार्जशीट पर दलीलों के लिए 12 मई को सुनवाई निर्धारित की। सीबीआई ने बुचिबाबू, अमनदीप ढल, अर्जुन पांडे और सिसोदिया को अतिरिक्त संदिग्धों के रूप में नामित किया है।
सिसोदिया फिलहाल सीबीआई और  ईडी के साथ हिरासत में हैं।

सिसोदिया के खिलाफ मामला

सिसोदिया के दिल्ली आबकारी नीति में शामिल होने के मामले में यह दावा किया गया था कि नीति के लाभ मार्जिन को इस तरह से बदल दिया गया था कि कुछ व्यापारियों का पक्ष लिया गया था, और परिवर्तनों के बदले में रिश्वत एकत्र की गई थी।  दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में सीबीआई जांच का आग्रह किया था और ईडी और सीबीआई ने संदिग्ध धोखाधड़ी के संबंध में मामले दर्ज किए। निष्कर्षों के अनुसार सिसोदिया ने कानूनी आवश्यकताओं का उल्लंघन किया और एक ऐसी नीति की जानकारी दी जिसके गंभीर वित्तीय प्रभाव थे। सीबीआई की चार्जशीट में उनका नाम नहीं होने के बावजूद सिसोदिया और कुछ अन्य लोगों की जांच जारी थी। इस बात पर जोर देते हुए कि सिसोदिया निर्दोष हैं, आप ने आरोपों का खंडन किया। सिसोदिया का मानना है कि नीति और उसमें किए गए समायोजन को एलजी ने स्वीकार कर लिया था और सीबीआई अब एक निर्वाचित प्रशासन के नीतिगत विकल्पों का अनुसरण कर रही है।

गौरतलब है कि कथित शराब घोटाले के इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। तब से ही जेल में बंद हैं। सिसोदिया से जेल में ही ईडी ने भी पूछताछ की थी और इसके बाद 9 मार्च को ईडी के द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली सरकार द्वारा 17 नवंबर 2021 को ये नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी, जिसने सिसोदिया को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। एलजी की सिफारिश के बाद CBI ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर इस मामले में जांच शुरू की थी। केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

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