Sunday, November 24, 2024
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अमृतपाल का खतरनाक प्लान: खालिस्तान का झंडा, करेंसी तक कर लिए थे तैयार

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है। पंजाब पुलिस उसे पकड़ने में कामयाबी हासिल नहीं कर पाई। हालांकि इस बीच अमृतपाल सिंह से जुड़े कुछ बेहद ही चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दरअसल, वारिस पंजाब दे के चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के बारे में पुलिस ने नए दावे किए हैं। बताया गया कि कैसे अमृतपाल ने खालिस्तान बनाने के लिए बड़ा ही खतरनाक प्लान तैयार कर लिया था। यहां तक कि खालिस्तान की करेंसी, उसका झंडा और नक्शा तक तैयार कर लिया गया था।

कल हुई थी गनमैन की गिरफ्तारी

खन्ना पुलिस की SSP अमनीत कौंडल ने शुक्रवार को बताया कि अमृतपाल सिंह के गनर तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा ने ये सारे खुलासे किए हैं। आपको बता दें कि बीते दिन ही पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के गनमैन गोरखा बाबा को गिरफ्तार किया था।

अमृतपाल के गनर ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि खालिस्तान की प्लानिंग की जा चुका था। यहां तक कि खालिस्तान का झंडा और करेंसी भी बनाई गई थी। लड़ाकों की ट्रेनिंग के लिए शूटिंग रेंज बनी थी। इसके अलावा बुलेटप्रूफ जैकेट और हथियार मुहैया कराए गए थे। साथ ही अमृतपाल की आनंदपुर खालसा फौज (AKF) में शामिल लोगों को उनको सैलरी तक दी जाती थी। एसएसपी अमनीत कौंडल ने बताया कि गोरखा बाबा के मोबाइल फोन से AKF से सम्बंधित दस्तावेज, खालिस्तान का झंडा, नक्शा और करेंसी के अलावा ट्रेनिंग की वीडियो भी मिली है।

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चौंकाने वाले खुलासे

एसएसपी ने बताया कि अलग खालिस्तान बनाने के लिए अमृतपाल सिंह ने हथियारबंद संघर्ष शुरू करना था। ये लोग 2 वॉट्सऐप ग्रुप भी बना चुके थे। आनंदपुर खालसा फौज वाले ग्रुप में नए लड़कों को जोड़कर उकसाया जाता था। वहीं दूसरे ग्रुप का नाम अमृतपाल टाइगर फोर्स के नाम से था, जिसमें केवल अमृतपाल के करीबी ही सदस्य शामिल थे। पंजाब में माहौल खराब करने के लिए ये युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे।

वही ‌फोन से जो मैप भी मिला है, उसके अनुसार इनका प्लान पेशावर, लाहौर, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा को भी खालिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना पर काम करना था।

इसके अलावा तजिंदर सिंह ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह किसान आंदोलन में ब्रिकमजीत सिंह से मिला था। उन्होंने ही करीब पांच महीने पहले तजिंदर सिंह को अमृतपाल से मिलवाया था। अमृतपाल ने तजिंदर सिंह पर भरोसा किया और उसे अपने सबसे करीबी सुरक्षा कर्मचारियों में तैनात कर दिया। हर समय साए की तरह वो अमृतपाल के साथ रहता था। पुलिस को तजिंदर सिंह के मोबाइल से एक प्राइवेट आर्मी आनंदपुर खालसा फौज के अलावा एक क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) का खुलासा हुआ।

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