Curses work in this Kalyug : हिन्दू धर्म के मुताबिक, हर एक युग का अपना अलग महत्त्व हैं। सभी युग में लोग ईश्वर को समर्पित है। चाहें वह सतयुग, द्वापरयुग या त्रेतायुग ही क्यों न हो। इन तीनों युग में पाप इतना गहरा और भयंकर नहीं था, जितना अब यानी कलियुग में है। इन तीनों युग में प्रत्येक व्यक्ति को कई सिद्धियां प्राप्त थी। इसलिए उनके द्वारा बोले जाने वाली हर एक बात सच होती थी। इन युगों में भगवान खुद दुष्टों और पापियों का अवतार लेते थे और उनका सर्वनाश करते थे। उस समय में ऋषि-मुनि द्वारा दिया गया श्राप भी लोगों को लगता था।
लेकिन कलियुग (Curses work in this Kalyug) में श्राप का महत्व खो गया हैं। इस पर अब कोई विश्वास ही नहीं करता। धार्मिक शास्त्र, के अनुसार कलियुग में श्राप के बेअसर होने के पीछे कई कारण है। आज हम आपको इसी के बारें में बताएगें।
कलयुग में क्यों नहीं लगता श्राप .?
वर्तमान में कलियुग का समय चल रहा हैं। विष्णु पुराण में कलियुग (Curses work in this Kalyug) के बारे में कई जानकारी दी गई हैं। माना जाता है कि कलियुग में समय के प्रवाह के साथ लोग पापी होते चले जाएंगे। इसलिए कलियुग में किसी का भी श्राप व्यक्ति को नहीं लगता। इस युग में कोई भी मनुष्य पूरी तरह से श्रेष्ठ नहीं है। सभी मनुष्यों ने जाने-अनजाने कभी ना कभी किसी व्यक्ति को मन, वचन, कर्म से चोट पहुंचाई ही है।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, झूठ बोलना भी पाप की श्रेणी में ही आता हैं। आज के समय में शायद ही कोई इंसान होगा जो झूठ नहीं बोलता होगा। इसलिए मनुष्य द्वारा बोली गई बातों से किसी पर भी श्राप का असर नहीं होता हैं।
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