Yashasvi Jaiswal Story : आसान नहीं है यशस्वी जायसवाल की जिंदगी, 10 साल तक अपने परिवार के साथ नहीं मना पाए थे दिवाली

Yashasvi Jaiswal

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Yashasvi Jaiswal Story : भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल भले ही डेब्यू टेस्ट में दोहरा शतक नहीं ठोक पाए लेकिन 171 रन की पारी भारत को जीत दिलाने में काफी मददगार साबित हुई। यह इस बात का सबूत है कि वो बड़े मंच के खिलाड़ी हैं और टीम इंडिया में उनका भविष्य काफी सुनहरा रहने वाला है। उन्हें फ्यूचर स्टार माना जा रहा लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए इस खिलाड़ी ने अपना बचपन एक तरह से कुर्बान कर दिया। जी हां, उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। आप सोचिए कि 10 साल की उम्र में अगर किसी बच्चे से माता-पिता कुछ वक्त के लिए भी अलग हो जाएं तो वो बैचेन हो उठता है, लेकिन इसी उम्र में उन्होनें क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया था और मायानगरी यानी मुंबई आ गए थे।

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जायसवाल ने एक-दो दिन नहीं, बल्कि कई साल टेंट में गुजारे। कभी बारिश ने रातों की नींद हराम की तो कभी गर्मी ने सुकून और चैन छीना लेकिन इतने पर भी हौसला कभी नहीं टूटा। उनकी मुश्किल भरी जिंदगी में यूं तो कई कहानियां हैं जिसे शायद हम एक वीडियों में बता नहीं पाएंगे, लेकिन हम इस वीडियों में यशस्वी के जीवन की ऐसी घटना के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।

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10 साल परिवार के साथ नहीं मनाई होली

जिस उम्र में बच्चा माता-पिता से अपनी हर जिद पूरी करवाता है, उसी उम्र में यशस्वी ने पिता की जिद और अपने सपने को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया। इतना भर ही नहीं, यशस्वी ने अपनी जिंदगी को रोशन करने के लिए एक-दो नहीं, बल्कि 10 साल परिवार के साथ दीवाली तक नहीं मनाई। एक 10 साल के बच्चे के लिए दीवाली के क्या मायने हैं, इसपर बहुत ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है। यशस्वी क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए अपने परिवार के साथ दीवाली नहीं मना पाए। कई बार इसे लेकर उन्होंने अपने जज्बात बयां किए। यशस्वी जायसवाल ने इसे लेकर सालों पहले इंस्टाग्राम पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने परिवार के साथ दीवाली न मना पाने का जिक्र भी किया था।

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इंस्टाग्राम पर अपने जज्बात किए थे बयां

यशस्वी ने तब लिखा था, “मैं वहां पहुंचने की कोशिश कर रहा, जहां जाना चाहता हूं। आपके शब्द मुझे हर पल हार न मानने के लिए प्रेरित करते हैं और आपका ये कहना कि मत घबराओ तुम ये कर सकते हो, मुझमें नया जोश भर देता है। मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि आपने मुझे क्रिकेट खेलने का ये सपना दिखाया। ये आपका(पिता) सपना था, जिसे पूरा करने के लिए मैंने खेलना शुरू किया।”

A memorable walk back to the hotel room after receiving his first Player of the Match award for India 🏆

Yashasvi Jaiswal has well and truly arrived at the international stage 👏🏻👏🏻#TeamIndia | #WIvIND | @ybj_19 pic.twitter.com/WSkMbcSBSq

— BCCI (@BCCI) July 15, 2023

दुनिया कह रही है यशस्वी भव: जायसवाल

इसी संघर्ष, बलिदान और तपस्या का ही नतीजा है कि आज 21 साल के इस बैटर नें अपने पहले मैच में ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो बड़े-बड़े दिग्गज नहीं कर पाए। आपको बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले मैच में उन्होनें कई रिकार्ड अपने नाम किए। वो विदेशी जमीन पर अपने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। भविष्य में भारत के लोगों को उनसे उम्मीदें और बढ़ गई है। उम्मीद है कि आगे भी वह भारत के लिए ऐसी पारियां खेलते रहेंगे जिसके लिए उन्हें दुनिया कह रही और कहेगी भी कि यशस्वी भव: जायसवाल

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