Wrestlers Protest: पीटी उषा पहुंची जंतर-मंतर, क्या खत्म होने वाला है पहलवानों का धरना?

Wrestlers Protest

Wrestlers Protest:  बुधवार यानी आज इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक पीटी उषा इस दौरान धरने पर बैठे खिलाड़ियों से बात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर रही हैं।

आपको बता दें कि पीटी उषा पहले ही पहलवानों के प्रदर्शन को अनुशासनहीन करार दे चुकी हैं। गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पीटी उषा ने कहा कि सड़कों पर कुश्ती अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचता है।

बयानों में घिर गई पीटी उषा

वहीं पीटी उषा अपने ही बयान से घिरती हुई नजर आ रही है। कई राजनीतिक दल के नेताओं, साथ ही एथलीटों ने उनके बयान की आलोचना की है। इसके अलावा पीटी उषा ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को चलाने के लिए तीन सदस्यीय पैनल बनाने की बात कही थी।

बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो के तहत FIR दर्ज  

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा के लोकसभा सदस्य बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर के पहलवानों के वॉकआउट का आज 11वां दिन है। आपको बता दे कि, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POCSO और छेड़छाड़ की प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद से पहलवान उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सात महिला खिलाड़ियों की शिकायत पर खोला गया था, जिनमें से एक किशोर थी।

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साक्षी मलिक संग कई खिलाड़ी धरने पर बैठे

बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश भर के शीर्ष पहलवानों ने जंतर मंतर पर धरना दिया हुआ है। वह बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उनकी मांग है कि दावों की जांच कर रहे केंद्र द्वारा नियुक्त आयोग के नतीजों को सार्वजनिक किया जाए।

पीटी उषा ने पहले प्रदर्शनकारी पहलवानों को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि सड़क पर विरोध प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और देश की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। आईओए ने अभी तक आरोपों की अपनी जांच पूरी नहीं की है, और सरकार द्वारा नियुक्त निगरानी समूह द्वारा की गई जांच को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। तीन महीने के इंतजार से निराश, पहलवानों ने 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर अपना विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू किया और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। स्पष्ट है पहलवानों के इस कदम से आईओए खुश नहीं था।

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