दिल्ली : पहलवानों का यौन शोषण के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, खेल मंत्रालय ने की बैठक

wrestler protest in delhi

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भारतीय पहलवानों का बुधवार 18 जनवरी से यौन शोषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन में 30 से अधिक पहलवान शामिल हुए। कल प्रदर्शन के तीसरा दिन था। दरअसल, प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर मनमानी करने और महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगाया हैं। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण सिंह को हटाया जाए और कुश्ती संघ को खत्म करके नए संघ का निर्माण किया जाए। इस मामले को लेकर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर सुबह से अपने आवास पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का इंतजार कर रहे थे। लेकिन कोई भी उनसे मिलने नहीं पहुंचा। वहीं केंद्रीय मंत्री और ओलंपिक संघ ने पहलवानों के धरने को देखते हुए आपात बैठक बुलाई।

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बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप

बुधवार (18 जनवरी) को शुरू हुए भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन को कई राजनेताओं ने भी समर्थन दिया । पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर मनमानी करने और महिलाओं के लगाए हैं। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण सिंह को हटाया जाए और कुश्ती संघ को खत्म करके नए संघ का निर्माण किया जाए। यह प्रदर्शन खत्म कराने के लिए खेल मंत्रालय ने भी पहलवानों से बात की, लेकिन बातचीत के बाद पहलवान संतुष्ट नहीं हुए और उनका प्रदर्शन जारी है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिए बृजभूषण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।

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 बृजभूषण सिंह का पलटवार

वहीं, बृजभूषण सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि जब से खिलाड़ियों को किसी प्रतियोगिता में भेजने के लिए ट्रायल का पैमाना बनाया गया है, तभी से ये पहलवान नाखुश हैं। ये खिलाड़ी नेशनल गेम्स नहीं खेलना चाहते और ट्रायल नहीं देना चाहते। इसी वजह से विरोध किया जा रहा है। अधिकतर पहलवान संघ के साथ हैं। सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण सिंह का कहना है कि अगर वह मुंह खोल देंगे तो सुनामी आ जाएगी। बृजभूषण इस्तीफा नहीं देने की बात पर अड़े हुए हैं। उन्होंने शाम तक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की बात भी कही है। उनका यह भी कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह पहलवानों के प्रदर्शन के पीछे राजनीतिक साजिश का पर्दाफाश करेंगे।

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डब्ल्यूएफआई (WFI) को भंग करने की मांग

सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करें, लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई (WFI) को भंग किया जाए। पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है। हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए।’

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