Maa Kushmanda Puja : नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की करें उपासना, हर दुख-दर्द से मिलेगा छुटकारा

Maa Kushmanda Puja

Maa Kushmanda Puja Vidhi : हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। एक वर्ष में नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) चार बार आती है। शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हो गई है। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिविधान से पूजा-अर्चना की जाती हैं। नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन माता चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) की उपासना की जाती है। आज यानी 25 मार्च को मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda Puja) की आराधना की जाएगी।

यह भी पढ़ें- Vastu Tips : चैत्र नवरात्रि में इन पौधों को घर में लगाएं, धन-संपत्ति में होगी जबरदस्त वृद्धि

मां कूष्मांडा का स्वरूप

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कहा जाता है कि सृष्टि की रचना से पहले जब चारों तरफ घना अंधेरा छाया था तो तब देवी के इसी रूप से ब्रह्मांड का सृजन हुआ था। माता कूष्मांडा (Maa Kushmanda Puja) नाम का अर्थ होता है कुम्हड़ा, ये वो फल होता है जिससे पेठा बनाया जाता है। इसलिए देवी कूष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए कुम्हड़ा की बलि दी जाती है। माता कूष्मांडा के हाथों में कमल, धनुष, चक्र, बाण, गदा, कमंडल और अमृत कलश सुशोभित है। मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda Puja) को अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता हैं।

यह भी पढ़ें- Energy Boosting Fruits : नवरात्रि के व्रत में इन फलों का करें सेवन, नहीं होगी कमजोरी की समस्या, सेहत भी रहेगी अच्छी

मां कूष्मांडा की पूजा विधि

माता कूष्मांडा (Maa Kushmanda Puja) की पूजा में पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। मां कूष्मांडा की पूजा करने से पहले देवी को पीला चंदन लगाएं। उसके बाद मां का ध्यान लगाएं और फिर माता को मौली, कुमकुम और अक्षत चढ़ाएं। देवी कूष्मांडा को पीला रंग बहुत पसंद है। इसलिए देवी की पूजा में पीले रंग के वस्त्र, पीली चूड़ी और पीली मिठाई आदि भी अर्पित जरूर करें। इसके बाद एक पान का पत्ता लें, फिर उसमें थोड़ा सा केसर रख दें। फिर उसे देवी को अर्पित कर दें। इस दौरान ओम बृं बृहस्पते नमः मंत्र का उच्चारण करें। उसके बाद ॐ कूष्माण्डायै नम: मंत्र को 108 बार जप करें। साथ ही दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी अविवाहित कन्याएं मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda Puja) का पाठ करती हैं, उन्हें सुयोग्य वर जरूर मिलता है। इसके अलावा देवी कूष्मांडा की सच्चे दिल से आराधना करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। साथ ही उनकी सेहत भी अच्छी रहती है।

यह भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि में इन रंगों के कपड़े पहनकर करें पूजा, माता का मिलेगा विशेष आशीर्वाद

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

Exit mobile version