भोलेनाथ को बेल पत्र चढ़ाने की कैसे हुई शुरुआत, जानिए बेल पत्र का महत्व

Lord Shiva

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Why we Offer Bel Patra to lord Shiva : दया और करुणा के देव शिव जी का स्वभाव बहुत ज्यादा भोला है, जिस वजह से उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना चाहता हैं। सच्ची श्रद्धा से शिव जी की उपासना करने से मन चाहा फल प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान शिव जी को उनकी सबसे प्रिय वस्तु, Bel Patra का भोग लगाया जाता हैं। माना जाता है कि बेल पत्र अशुद्ध नहीं होता इसलिए पहले से अर्पित किए गए Bel Patra को धोकर फिर से भोलेनाथ को चढ़ाया जा सकता है। बेल पत्र का भोग लगाने के बाद हमेशा जल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।

बेल पत्र का महत्व

माना जाता है कि समुद्र मंथन से निकले विष की वजह से समूचे सृष्टि पर संकट मंडराने लगा था। और तब सृष्टि की रक्षा के लिए भोलेनाथ ने उस विष को अपने गले में धारण कर लिया था। विष धारण करते ही भगवान शिव जी के शरीर का तापमान बढ़ने लगा और पूरी सृष्टि आग की तरह तपने लगी। इसके बाद देवताओं ने धरती के सभी जीव-जंतु और प्राणी की रक्षा के लिए और सृष्टि के हित में विष का असर खत्म करने के लिए भगवान शिव जी को बेल पत्र खिलाया। बेल पत्र का सेवन करने के साथ ही विष का प्रभाव कम होता गया। बता दें कि इसी के बाद से शिव जी को बेल पत्र चढ़ाने की प्रथा शुरू हो गई। जिसका अब भी पालन किया जाता है।

 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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