नोट पर बापू की तस्वीर पर क्यो हो रहा बवाल, आखिर नोट में किसकी तस्वीर लगे इसका फैसला करता कौन है जानिये

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भारत की करेंसी यानी नोट पर किसकी तस्वीर होगी अब यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है। गुजरात और हिमाचल चुनाव से पहले भारतीय नोटों पर तस्वीर किसकी हो, इसपर बहस छिड़ गयी है। हालांकि यह बहस काफी पुरानी है और लगातार भारतीय नोटों पर तस्वीर का मुद्दा गर्म रहा है। अब इंडोनेशिया की मुद्रा का उदहारण देकर इस मुद्दें को हवा दी जा रही है।

मुख्य बिंदु  

भारतीय करेंसी पर किसकी तस्वीर होनी चाहिए

भारतीय करेंसी पर भीमराव आंबेडकर और शिवाजी की तस्वीर की उठ चुकी है मांग

केजरीवाल की मांग, गणेश-लक्ष्मी की तस्वीर छापी जाए

भारतीय करेंसी पर किसकी तस्वीर छापी जाए ये मुद्दा हमेशा से ही गरम रहा है। मामला आजादी के बाद पहली बार भारतीय करेंसी पर छपी तस्वीर का है या फिर भारत में 2016 में हुई नोटबंदी के बाद छपी नयी करेंसी।

मौजूदा समय में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मांग की है कि करेंसी नोटों पर भगवान गणेश और लक्ष्मी की तस्वीर लगाई जानी चाहिए। अरविंद केजरीवाल का मानना है कि माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की तस्वीर नोटों पर लगी होगी तो दैवीय आशीर्वाद सभी को प्राप्त होगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। फिर क्या था, इसके बाद मनीष तिवारी ने आंबेडकर की तस्वीर लगाने की मांग उछाली तो वहीं, महाराष्ट्र के बीजेपी नेता ने शिवाजी की फोटो नोट पर फोटोशॉप करके शेयर कर दी।

कौन तय करता है कि नोट पर किसकी तस्वीर लगेगी

इस बहस के बाद ये मुद्दा एकबार फिर से करवट ले रहा है कि आखिर हमारे देश में करेंसी पर किसकी तस्वीर लगेगी यह तय कौन करता है। चलिए हम आपको बताते हैं कि यह कौन तय करता है। असल में RBI की वेबसाइट पर FAQ सेक्शन में 10वां सवाल यही है कि नए बैंक नोट पर किसकी तस्वीर छापी जाएगी, इसका फैसला कौन करता है। जवाब में बताया गया है कि आरबीआई ऐक्ट के सेक्शन 25 के तगत बैंक नोट के डिजाइन, स्वरूप और सामग्री को लेकर फैसला सेंट्रल बोर्ड की सिफारिशों पर केंद्र सरकार लेती है। मतलब साफ है कि दोनों- सरकार और आरबीआई की संयुक्त टीम यह तय करती है।

जी हां, आरबीआई सेंट्रल बोर्ड की सिफारिशों पर सरकार से राय लेकर ही करेंसी में कोई बदलाव करती है। अब आने वाले दिनों में यह देखना जरूर दिलचस्प होगा कि हमारे देश की करेंसी पर किसका मुस्कुराता चेहरा आता है या फिर आजादी के बाद जैसा एक अनूठा फैसला लिया गया था कि भारतीय संस्कार, चिन्ह, भाषा और स्थानों को प्रुमखता मिले और तब हमने अपनी करेंसी पर अशोक स्तंभ, चक्र, शेर, अशोक लाट, कंचनजंगा, भारत के द्वारा भेजा गया पहला सेटेलाइट और किसान की तस्वीर आदि देखी हैं। अब देखना यह है कि आगे हम अपनी करेंसी पर क्या नये बदलाव देख पाते हैं।

 

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