Karnataka Election 2023 में लिंगायतों की भूमिका क्यों अहम? यहां जानिए चुनाव से जुड़ी कुछ अहम बातें

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भारत के सबसे प्रगति वाले राज्य के सूची में कर्नाटक का नाम सबसे ऊपर आता है। इलेक्ट्रॉनिक सिटी हब कहे जाने वाली बंगलौर इसकी राजधानी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कुछ महत्वपूर्ण राज्यों के विधानसभा के चुनाव होने है, जिसमे सबसे पहले नाम आता है कर्नाटक का जहाँ 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। 10 मई को एक ही चरण में मतदान होगा जिसके नतीजे 13 मई को आएंगे। 24 मई को वर्तमान सरकार का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इस बार राज्यों के विधानसभा चुनाव का भारी असर हमें 2024 के लोकसभा के चुनाव में देखने को मिलेगा।

2018 के विधानसभा के चुनावो में 224 सीटों पर मतदान हुआ था जहां 104 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी पहले स्थान पर रही। वहीं कांग्रेस 80 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर थी। कांग्रेस ने जनता दल के साथ गठबंधन बनाकर एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन एक साल क बाद ये सरकार गिर गयी और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाई। बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन एक साल बाद ही येदुरप्पा ने इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद बसवराज बोम्मई को नया मुख्यमंत्री बनाया गया यानी की 5 साल के कार्यकाल को पूरा करने क लिए तीन मुख्यमंत्री ने कुर्सी संभाली।

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लिंगायत समुदाय निभाएगा अहम भूमिका

लिंगायत समुदाय की आबादी कर्नाटक और उससे लगने वाले राज्य (महाराष्ट्र ,केरल) में पाए जाते हैं। अगर बात करे कर्नाटक की तो 18 फीसदी आबादी लिंगायत समुदाय की है, जो आने वाले चुनावो में बहुत एहम भूमिका निभाएगा। क्योंकि 1956 में राज्य पुनर्गठन आयोग आने के बाद मैसूर राज्य बनाया गया जो की कर्नाटक क्षेत्र का हिस्सा था और उस समय लिंगायत समुदाय के फैसलों का वर्चस्व होता था। अब सारी राजनीतिक पार्टी इस सियासी खेल में लगी हुई है कि लिंगायत समुदाय का मत अपने तरफ ले लिया जाए क्योंकि ये हवा चली हुई है कि जिस तरफ लिंगायत उसका हुआ कर्नाटक।

भाजपा और कांग्रेस के हथकंडे

दक्षिण के राज्यों में इकलौता कर्नाटक ही ऐसा राज्य है जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा रोड शो और रैली से प्रचार किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी भी जोर शोर से प्रचार कर रहे हैं क्योंकि विधानसभा के ये चुनाव 2024 लोकसभा क चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। आपको बता दें कि कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। वहीं इसके बाद छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी 2023 में चुनाव होने है तो जो भी पार्टी विधानसभा के चुनाव हारेगी उसे भारी नुकसान देखने को मिल सकता है।

2023 में होने वाले चुनाव में निर्वाचन आयोग ने तारीख जारी कर दी है सभी पार्टी और नेता जीत को अपना निशाना बनाने क लिए तैयार है। 10 तारीख के मतदान के बाद 13 मई को नतीजे आएंगे। आने वाले समय में देखना होगा की इस सियासी खेल में कौन बाजी मारेगा?

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