Health : अचानक सफेद ब्रेड छोड़ ब्राउन ब्रेड क्यों खाने लगे हैं लोग, जानिए वजह

Brown Bread

Brown Bread

एक समय तक सुबह के समय ज्यादातर लोग नाश्ते के तौर पर व्हाइट ब्रेड खाना ज्यादा पसंद करते थे। लेकिन पिछले कुछ समय से व्हाइट ब्रेड के बजाय लोगों को ब्राउन ब्रेड ज्यादा पसदं आने लगा है। सवाल है ऐसा क्यों है? दरअसल अब लोग पहले की तुलना में अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग हुए हैं इसलिए वे क्या खा रहे हैं, उसमें कितना प्रोटीन हैं, उसमें कौन-कौन से न्यूट्रिएंट्स मौजूद हैं, इस पर पूरी नजर रखते हैं। यहां आज हम जानेंगे कि लोगों का आखिर ब्राउन ब्रेड की ओर इतना रुझान क्यों बढा है।

 

शोध में खुलाशा

यूरोपियन कांग्रेस ऑफ ओबेसिटी में प्रस्तुत किए गए एक शोधपत्र में बताया गया है कि अगर रोजाना दो व्हाइट ब्रेड खाई जाए, तो इससे मोटापा बढता है। जबकि इसके अलग ब्राउन ब्रेड पोषक तत्वों से भरपूर है। यह साबुत अनाज से बनता है, इसमें कई तरह के स्वास्थ्यवर्धक तत्व मौजूद हैं जैसे फाइबर, विटामिन बी-6 और ई, मैग्नीशियम, फाॅलिक एसिड आदि। ये सभी तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। कम कैलोरी काउंट व्हाइट ब्रेड में काफी ज्याद कैलोरी काउंट होता है जबकि ब्राउन ब्रेड में कैलोरी कम है। जहां एक ओर 100 ग्राम व्हाइट ब्रेड में 361 कैलोरी होती है, जबकि 100 ग्राम व्हाइट ब्रेड में 261 कैलोरी पाई जाती है। इस तरह देखा जाए, तो ब्राउन ब्रेड में कम कैलोरी काउंट होता है, जो कि स्वास्थ्य को सही रखने में महति भूमिका निभाते हैं।

 

कई रोगों से बचने में मिलती है मदद

यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि कैलोरी इनटेक ज्यादा लेने की वजह से कार्डियोवस्कुलर डिजीज, डायबिटीज जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्राउन ब्रेड में लोग ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। आपको बताते चलें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का रैंकिंग माप है। इसकी मदद से यह जाना जाता है कि आपके भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कितनी देर में ग्लूकोज बनता है। बहरहाल, यह हम सभी जानते हैं कि अगर शरीर में शुगर का स्तर बढता है इससे स्वास्थ्य को किस तरह के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं जैसे अगर शरीर में शुगर का स्तर कम रहेगा तो डायबिटीज या अन्य हृदय रोग बढ़ सकते हैं।

 

ये भी हैं कारण

लोग ब्राउन ब्रेड को अपने रोजाना के नाश्ते का हिस्सा बना रहे हैं तो इसकी एक वजह यह भी है कि व्हाइट ब्रेड को आर्टिफिशियली प्रोसेस्ड किया जाता है। आर्टिफिशियली प्रोसेस्ड किए जाने के लिए कई तरह के केमिकल्स का यूज किया जाता है जैसे बेंजाइन प्रोक्साइड, पोटैशियम ब्रोमाइड और फोर्टिफाइड। ये सभी ऐसे केमिकल्स होते हैं जिनकी मदद से खाद्य पदार्थ की अपियरेंस को बेहतर किया जाता है। इन्हीं केमिकल्स की वजह से व्हाइट ब्रेड लाइट वेट होती है। जबकि ब्राउन ब्रेड में ज्यादातर प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है। निश्चित तौर पर प्राकृतिक तत्व हमारी सेहत के लिए ज्यादा बेहतर होते हैं।

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