आखिर क्यों कोई चयनकर्ता पैनल का हिस्सा नहीं होना चाहता ? हरभजन सिंह ने गिनाई खामियां

Harbhajan Singh

पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई को काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है। आए दिन सवाल उठते रहते हैं कि बीसीसीआई के चयनकर्ता पैनल में काफी कम अनुभव वाले व्यक्ति शामिल है और यही कारण है कि वो लोग ठीक से खिलाड़ियों का चुनाव नहीं करते हैं। भारत के पिछले तीन चयनकर्ता चेयरमैन- चेतन शर्मा (23), सुनील जोशी (15) और एमएसके प्रसाद (4) ने कुल मिलाकर 44 टेस्‍ट खेले हैं। ऐसे में क्या कहा जा सकता है ? खिलाड़‍ियों के स्‍तर को देखते हुए ये काफी कम लगता है।

भारतीय क्रिकेट के कई जानकार ये मानते हैं कि अभी भी बीसीसीआई चयनकर्ताओं को काफी कम वेतन देता है। यही कारण है कि पूर्व क्रिकेटर्स चयन पैनल से दूरी बनाए हुए हैं और प्रसारणकर्ता के रूप में काम करना पसंद कर रहे हैं। इसी बात को लेकर हरभजन सिंह ने कई बातों का खुलासा किया है।

भज्‍जी ने किए कई खुलासे

भज्‍जी ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा,

अगर आप वीरेंद्र सहवाग से प्रमुख चयनकर्ता बनने को बोले, तो उस पद के वेतन का विश्‍लेषण करने की जरुरत है। मुझे नहीं पता कि भारत में चयनकर्ता कितना कमाते हैं, लेकिन अगर सहवाग कमेंट्री या क्रिकेट से जुड़ी अन्‍य चीजों में व्‍यस्‍त है, तो संभव है कि वो ज्‍यादा कमा रहे होंगे।

हरभजन सिंह ने आगे कहा,

अगर आप सहवाग जैसे कद का खिलाड़ी प्रमुख चयनकर्ता पद के लिए चाह रहे हैं तो फिर पैसा खर्चा करना महत्‍वपूर्ण हैं। अगर आप पैसे नहीं खर्च करेंगे तो आपको ऐसे खिलाड़ी चुनने होंगे, जिन्‍होंने एक साल खेला हो या फिर उसका नाम बड़ा नहीं हो। अगर राहुल द्रविड़ को आप कोच बना सकते हैं तो फिर उन्‍हीं के कद का प्रमुख चयनकर्ता भी बनाना चाहिए। जिसकी आवाज में दम हो, जिसके वजूद में दम हो।

हाल ही में चेतन शर्मा ने किए थे कई खुलासे

मालूम हो कि बीसीसीआई की तरफ से अब तक चेतन शर्मा के इस्‍तीफे के बारे में आधिकारिक बयान नहीं आया है। हाल ही में एक स्टिंग ऑपरेशन में फंसे चेतन शर्मा ने प्रमुख चयनकर्ता के पद से इस्‍तीफा दिया था। शर्मा ने जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या पर बयान दिए जबकि सौरव गांगुली और विराट कोहली के बीच दरार का खुलासा किया था।

 

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