कब शुरू हुई दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा, जानिए क्यों होता है शुभ

Gambling Auspicious on Diwali

Gambling Auspicious on Diwali : दिवाली के त्योहार को पूरे देश में अलग ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व पर पूरा देश दीये की रोशनी से जगमगा उठता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी अपने भक्तों के घर आती है और सुख-समृद्धि, धन-धान्य का आशीर्वाद देती है। माता लक्ष्मी के साथ-साथ इस दिन गणेश जी की भी पूजा-अर्चना की जाती है। दिवाली के दिन घर में बरकत लाने, धन प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए अलग-अलग तरह के उपाय किये जाते हैं।

दिवाली की रात ऐसे शुरू हुई जुआ खेलने की परंपरा

कई ऐसी परंपराएं हैं जिन्हें लोग लम्बे समय से निभा रहें है। इसी में से एक है दिवाली की रात जुआ खेलने की परंपरा है। कहा जाता है कि दिवाली के दिन जुआ खेलना बहुत शुभ होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि दिवाली की रात भगवान शिव के साथ उनकी पत्नी देवी पार्वती जुआ खेलती थी, जिस वजह से उन दोनों के बीच प्रेम और अधिक गहरा हुआ। इसी वजह से इस दिन जुआ खेलना शुभ माना जाता है।

इसके अलावा ये भी माना जाता है कि जुआ खेलना तभी शुभ होगा जब उसे बिना पैसा लगाए खेला जाये। पैसे लगाकर दिवाली की रात जुआ खेलना बेहद अशुभ माना जाता है, जिसका उल्लेख महाभारत में भी हैं। बहरहाल दिवाली की रात लॉटरी का भी खेल नहीं खेलना चाहिए, कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और मनुष्य को जीवन भर धन की कमी का सामना करना पड़ता है।

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