नया संसद भवन तो बनकर तैयार, लेकिन अब पुरानी संसद का क्या होगा? यहां जानिए…

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28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है, जिसको लेकर देश में खूब चर्चाएं हो रही हैं। करीब ढाई साल के निर्माण के बाद नया संसद भवन तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन क्या आपके मन में ये सवाल नहीं आ रहा है कि अब आखिर पुराने संसद भवन का होगा क्या? इस लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

पहले ये जान लेते हैं कि आखिर नया संसद भवन बनाया क्यों गया? दरअसल, सरकार की मानें तो संसद के बढ़ते काम के चलते नई संसद भवन की जरूरत महसूस हो रही थी। नई संसद की इमारत में पुरानी संसद के मुकाबले अधिक सांसद आ सकते हैं। नई संसद के लोकसभा में एक साथ 888 सांसद और राज्यसभा में 300 सांसद बैठ सकते हैं। जबकि मौजूदा संसद में 543 लोकसभा और 250 राज्यसभा सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।

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आपको बता दें कि पुरानी संसद भवन का निर्माण आज से 96 साल पहले हुआ था। जी हां, पुरानी संसद भवन का निर्माण कार्य साल 1921 में शुरू हुआ था और छह साल बाद यानी साल 1927 में ये बनकर तैयार हुआ था। पुरानी संसद भवन में आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा मौजूदा संसद भवन को लेकर कई तरह की सुरक्षा चिंताएं भी जताई गई हैं, जिसमें फायर सेफ्टी शामिल है क्योंकि इस इमारत का डिजाइन मॉडर्न फायर नॉर्म के हिसाब से नहीं है। इन सब कारणों से नई संसद भवन का निर्माण किया गया।

नई संसद भवन बनने के बाद अब पुरानी संसद का क्या होगा? आइए ये भी जान लेते हैं। मार्च 2021 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी में राज्यसभा में इसको लेकर जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि जब एक बार नया संसद भवन तैयार हो जाएगा, तो मौजूदा भवन की मरम्मत करानी होगी।  उन्होंने इसका वैकल्पिक इस्तेमाल करने की बात कही थी। हालांकि मंत्री ने ये भी कहा था कि इस पर कोई व्यापक विचार नहीं किया गया है कि संसद भवन को किस इस्तेमाल में लाना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि सरकार के अनुसार पुराने संसद भवन को ढहाया नहीं जाएगा। इसे संरक्षित किया जाएगा क्योंकि यह देश की एक पुरातात्विक संपत्ति है। इमारत में इस तरह की व्यवस्था की जाएगी कि इसे संसदीय आयोजनों के लिए नए भवन के साथ इस्तेमाल किया जा सके।

आपको बता दें कि नए संसद भवन का निर्माण और मौजूदा संसद भवन का रेनोवेशन ‘सेन्ट्रल विस्टा रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है। प्रोजेक्ट से जुड़ी आधिकारिक वेबसाइट बताती है कि सेंट्रल विस्टा में लिस्टेड किसी भी विरासत भवन जिसमें इंडिया गेट, पार्लियामेंट, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक, नेशनल आर्काइव या कोई अन्य शामिल है, उनको तोड़ा नहीं जाएगा। इसमें ये भी बताया गया है कि इन इमारत को अपग्रेड करने की जरूरत है। इनके लिए विरासत संरक्षण मानकों के तहत जरूरी निर्माण किए जाएंगे और आगे इनके इस्तेमाल के लिए इन्हें नया किया जाएगा। नए संसद भवन और फिर से बनाए गए संसद भवन का संयुक्त रूप से उन सभी सुविधाओं के लिए उपयोग किया जाएगा, जो आज मौजूदा संसद भवन में हैं।

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