हनुमान जी, शनि देव और लाल सिंदूर की क्या है कहानी, जानिए शनिवार को लाल सिंदूर का महत्त्व

importance of red vermilion on Saturday

importance of red vermilion on Saturday

Importance of red vermilion on Saturday : शनिवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) को लाल सिंदूर चढ़ाने की मान्यता बहुत पुरानी हैं। इस दिन ऐसा करने से शनि देव (Shani Dev) की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म, में एक प्रथा के मुताबिक शनिवार के दिन बजरंग बली को लाल सिंदूर (red vermilion) चढ़ाया जाता है। साथ ही इस उपाय को शनि देव से भी जोड़ा जाता हैं। आज हम आपको इसी प्रचीन कथा के बारे में बताएंगे।

रावण ने क्यों बनाया था शनि देव को बंदी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार शनि भगवान (Shani Dev) और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ था, जो बहुत लम्बे समय तक चला था। दोनों ही अत्यंत बलवान थे। इसलिए किसी का भी हारना बहुत मुश्किल था। हालांकि अंत में रावण ने शिव जी से मिले बाण का इस्तेमाल किया। शनि देव, बाण से बचने में सामर्थ्यवान तो थे। लेकिन उन्होंने भगवान शिव का मान रखते हुआ, बाण खाया और घायल हो गए।

इसके बाद रावण ने शनि देव को बंदी बनाया औरर उन्हें एक अंधे कुएं में उल्टा लटका दिया। साथ ही उन्हें बहुत प्रताड़ित भी किया गया। इस दौरान शनि देव ने शिव जी से विनती की। भगवान शिव ने शनि देव (Shani Dev) का मान रखा और उन्हें आश्वासन दिया कि हनुमान जी (Hanuman Ji) उन्हें यहां से बचा के ले जाएंगे।

कुछ ही समय बाद, हनुमान जी (Hanuman Ji) रावण की लंका गए। वहां उन्हें सबसे पहले देवर्षि नारद मिले। उन्होंने शनि देव के बारे में बजरंग बली को अवगत कराया। बिना समय गवाए, हनुमान जी उस कुएं के निकट पहुंचे और जैसे ही उन्हें छूने के लिए आगे बढ़े, तो शनि देवता ने रोकते हुए कहा, हनुमान! अगर आपने मुझे (Shani Dev) स्पर्श किया तो मेरी शक्ति की वजह से आपका नाश हो जाएगा।

लेकिन इससे बचने का एक उपाय है। अगर आपने अपने पूरे शरीर पर लाल सिन्दूर लगा लिया, तो तब मेरी (Shani Dev) शक्ति का असर आप पर नहीं होगा। शनि देव की ये बात सुनते ही बजरंग बली (Hanuman Ji) समुद्र तट के पास पहुंचे और पानी में गीले होने के बाद अपने पूरे शरीर पर लाल सिन्दूर लगा लिया। इस प्रकार हनुमान जी ने शनि देव (Shani Dev) को कुएं से बाहर निकाला और रावण की कैद से मुक्ति दिलाई।

इस प्रकार शनि देव, बजरंग बली (Hanuman Ji) से खुश हुए और बोले, हनुमान मैं तुम्हारा आभारी हूं और आज से जो भी भक्त शनिवार के दिन तुम्हें सिन्दूर अर्पित करेगा और उसमें से प्रसाद स्वरूप तिलक करेगा। उसको मेरी (Shani Dev) वक्र दृष्टि नहीं लगेगी। साथ ही जो हनुमान की (Hanuman Ji) शरण में आएगा, वो मेरी (Shani Dev) भी शरण में आ जाएगा। माना जाता है कि शनि देवता की वक्र दृष्टि से ही रावण का समूल नाश हुआ था।

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