साइलाइन हुए अजित पवार? सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को मिली जिम्मेदारी… शरद पवार के इस फैसले के पीछे असली खेल क्या है?

SHARAD PAWAR

राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले NCP नेता शरद पवार ने अपने फैसले से एक बार फिर सभी को चौंका दिया हैं। शरद पवार ने शनिवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को NCP का नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। पवार ने ये ऐलान पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर किया। सुप्रिया को कार्यकारी अध्यक्ष के अलावा महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब राज्य का प्रभारी भी बनाया गया है। वहीं प्रफुल्ल पटेल को मध्य प्रदेश, राजस्थान और गोवा की जिम्मेदारी सौंपी गई।

क्यों लिया कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला? 

पार्टी के सीनियर नेता छगन भुजबल ने शरद पवार के फैसले के पीछे की वजह बताईं। उन्होंने कहा कि सुप्रिया और प्रफुल्ल को कार्यकारी अध्‍यक्ष इस वजह से बनाया है, जिससे चुनावी काम और राज्यसभा व लोकसभा के काम को बांटा जा सके। भुजबल ने कहा कि उनके कंधों पर और जिम्मेदारियां लादी गई हैं क्योंकि चुनाव पास हैं। 2024 लोकसभा चुनाव के काम को हैंडल करने के लिए ये फैसला किया गया है।

अजित पवार को किया किनारा

लेकिन इन दौरान जो सबसे चौंकाने वाला कदम था, वो ये शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नाम का जिक्र कहीं नहीं था। NCP प्रमुख ने ये ऐलान पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर किया है। जिस वक्त शरद पवार मंच से बेटी और प्रफुल्ल को आगे कर रहे थे, तब भतीजे अजित पवार भी वहीं पर मौजूद थे। वो अजित पवार ही हैं, जिन्हें शरद पवार के बाद NCP में दूसरे नंबर पर माना जाता है। शरद पवार के इस फैसले के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या उन्होंने अजित पवार को क्यों साइडलाइन कर दिया? क्या शरद पवार अपना उत्तराधिकारी भतीजे अजित की जगह बेटी सुप्रिया सुले को बना रहे हैं?

सवाल तो कई हैं और इसका जवाब ही हो सकता है आने वाले समय में मिल ही जाएं। देखा जाये तो शरद पवार को ऐसे ही राजनीतिक का माहिर खिलाड़ी नहीं माना जाता। याद कीजिए जब बीते महीने NCP नेता शरद पवार ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनके इस ऐलान से सबको तगड़ा झटका लगा और शरद पवार को मनाने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया था। तब केवल अजित पवार ही वो नेता थे जो सामने आकर बोले कि इस्‍तीफा मंजूर कर लिया जाना चाहिए। उनका यह कहना था कि चाचा की सेहत और उम्र को देखते हुए उनकी पद छोड़ने की इच्छा का पार्टी को सम्मान करना चाहिए। वहीं अजित पवार बीते दिनों पार्टी से बगावती तेवर भी दिखा चुके हैं। उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें काफी समय तक लगाई जा रही थीं। हालांकि उन्होंने NCP नहीं छोड़ी। इस बार भी शरद पवार को किनारे कर सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने लगाए हैं। शरद पवार के बाद एनसीपी को कौन संभालेगा? यह बड़ा सवाल है। अब तक अजित पवार और सुप्रिया सुले की दावेदारी थी लेकिन हालिया फैसला बताता है कि अजित इस रेस में  पिछड़ गए हैं।

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