Hanuman Ji Rahasya : हनुमान जी के अनसुने रहस्य, जिनको जानकर हो जाएंगे हैरान

Hanuman Ji Rahasya

Hanuman Ji Rahasya : भगवान श्रीराम के दूत हनुमान जी, लोगों का संकट हरने वाले हनुमान जी, मन से भय दूर करने वाले हनुमान जी। दुनियाभर में पवनपुत्र हनुमान जी के करोड़ों भक्त हैं। माना जाता है कि संकटमोचन की पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। साथ ही उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी को विभिन्न शक्तियों का वरदान मिला है। माता सीता ने जहां उन्हें अष्ठ सिद्धियां दी हैं। तो वहीं इंद्र और सूर्य देवता ने उन्हें कई शक्तियों का वरदान दिया है। इसके अलावा भी उनको कई वरदान मिले हैं। हनुमान जी के पास एक ऐसी चमत्कारी शक्ति भी हैं, जिसके चलते वह एक मच्छर से छोटा और हिमालय से बड़ा रूप भी धारण कर सकते हैं। उनकी शक्तियों में कई रहस्य छुपे हुए हैं। इसी वजह से उन्हें रहस्यमयी भी माना जाता हैं। इसके अलावा भी हनुमान जी (Hanuman Ji Rahasya) से जुड़े कई रहस्य इतिहास में छुपे हुए हैं। तो चलिए जानते हैं उन सभी अनसुने रहस्यों के बारे में-

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हनुमान जी के पसीने का रहस्य-

जी हां, सही सुना आपने। पसीने का रहस्य (Hanuman Ji Rahasya)। आपके लिए ये बहुत ही आश्चर्यजनक बात होगी। लेकिन कहा जाता है कि हनुमान जी के पसीने से उनका एक पुत्र हुआ था। दरअसल, हनुमान जी ने जब पूरी लंका को अपनी पूंछ से भस्म कर दिया था। तो तब वह उसको बुझाने और अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए समुद्र में विश्राम कर रहे थे। तब उनके शरीर से टपके पसीने को एक मादा मगरमच्छ ने निगल लिया, जिसके बाद उनके पसीने की शक्ति से उनका एक पुत्र हुआ, जिसका नाम था मकरध्वज।

कल्प के अंत तक शरीर में रहेंगे हनुमान जी

दरअसल, इंद्रदेव ने हनुमान जी (Hanuman Ji Rahasya) को इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था, लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें कलयुग के अंत तक रहने का निर्देशानुसार दिया था। इसके तहत कल्प का अंत होने पर ही हनुमान जी को सायुज्य की प्राप्ति होगी। इसके अलावा माता सीता ने उन्हें चिरंजीवी का वरदान दिया था। इसलिए कहा जाता है कि हनुमान जी कलियुग में आज भी जीवित है और वह गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं।

हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र भी है बेअसर

आपको बता दें कि हनुमान जी (Hanuman Ji Rahasya) को ब्रह्मदेव ने तीन वरदान दिए थे, जिसमें से सबसे प्रमुख और शक्तिशाली वरदान है, उन पर ब्रह्मास्त्र का असर नहीं होना। दरअसल, ब्रह्ममांड में ईश्वर के बाद केवल और केवल हनुमान जी को ही शक्तिशाली माना जाता हैं। कहा जाता है कि महावीर विक्रम बजरंगबली के सामने किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति का असर नहीं होता है।

सर्वप्रथम हनुमान जी ने लिखी थी रामायण

शास्त्रों के मुताबिक, हनुमान जी (Hanuman Ji Rahasya) ने सर्वप्रथम अपने नाखूनों से उकेर कर हिमालय पर्वत पर बैठकर रामायण लिखी थी, लेकिन जब वह तुलसीदास जी को अपनी रामायण दिखाने गए तो वह रामायण को देखकर बहुत दुखी हो गए, क्योंकि हनुमान जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से रामायण लिखी थी। इसके आगे तुलसीदास की रामायण फीकी लग रही थी। जब हनुमान जी को तुलसीदास जी के मन की बात पता चली तो उन्होंने अपनी लिखी रामायण को तुरंत ही मिटा दिया।

तो ये थे हनुमान जी के कुछ अनसुने रहस्य। हालांकि इसके अलावा भी संकट मोचन के कई ऐसे राज है, जिनके बारे में कोई नहीं जानता।

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