Shinde Vs Uddhav: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद “नैतिकता” को लेकर जुबानी वॉर, उद्धव ने पढ़ाया पाठ तो फडणवीस ने किया पलटवार

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महाराष्ट्र के सियासी संकट पर आज यानी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। अदालत का ये फैसला शिंदे सरकार को राहत मिली है। दरअसल, कोर्ट ने ये मामला बड़ी बेंच के पास सुनवाई के लिए भेज दिया। इसके साथ ही एकनाथ शिंदे सरकार फिलहाल बच गई है। हालांकि कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कुछ तीखी टिप्पणियां जरूर की, लेकिन इसके साथ ही ये भी कहा कि वो उद्धव सरकार को बहाल नहीं कर सकते।

अदालत ने कहा कि उद्धव सरकार इसलिए बहाल नहीं की जा सकती थी, क्योंकि मुख्यमंत्री पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके थे। उद्धव ठाकरे अगर इस्तीफा नहीं देते, तो स्थिति अलग होती और उन्हें राहत मिल सकती थी। स्वेच्छा से दिए गए इस्तीफे को कोर्ट निरस्त नहीं कर सकता।

उद्धव ठाकरे पर बरसे फडणवीस

कोर्ट के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी खुशी जाहिर की। फडणवीस ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से लोकतंत्र की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने महाविकास आघाडी के मंसूबे पर कोर्ट ने पानी फेर दिया है। उद्धव ठाकरे अब दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगें। अयोग्यता की जो याचिका है, उस पर सुनवाई करने का अधिकार स्पीकर को दे दिया है। चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट ने जो आरोप लगाया था, उस पर भी कोर्ट ने सारी चीजें साफ कर दी है। अब किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से कानूनी है।

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इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से नियम कानून के अनुसार ही बनी है। कुछ लोग शंका जा रहे थे, जिसका समाधान भी कोर्ट ने कर दिया है। साथ ही फडणवीस ने ये भी कहा कि उद्धव ठाकरे ये बताएं कि जब वो चुनाव हमारे साथ चुनकर आए थे, तो दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर बना ली थी, तब उनकी नैतिकता कहां गई थीं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे नैतिकता का पाठ न पढ़ाएं। फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे के पास सरकार बचाने का पर्याप्त नंबर था ही नहीं, इसलिए उनका जाना तय था। उन्होंने नैतिक आधार पर नहीं बल्कि हार के डर के कारण इस्तीफा दिया था। इसके अलावा सीएम एकनाथ शिंदे ने भी नैतिकता वाले बयान को लेकर उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अगर ठाकरे को नैतिकता की इतनी ही पड़ी होती तो वो BJP का साथ नहीं छोड़ते। हमें बालासाहब का सपना साकार करने के लिए ये कदम उठाना पड़ा।

उद्धव ठाकरे ने भी दिया बयान

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने इस्तीफा देकर कानूनी रूप से गलत किया हो लेकिन दो फाड़ होने के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया।  अगर इस सरकार में जरा भी नैतिकता है तो इसे इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने पीठ में छुरा घोंपा। वे आगे ये भी बोले कि मैं गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता।

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