दिवाली सीजन में इस बार हो रहा है भारतीय व्यापारियों को लाभ ही लाभ, चीन के सामान का हो रहा बहिष्कार

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दिवाली का पर्व आते ही बाजारों में खरीदारों की भीड़ लगने लगती हैं, जिसका असर 2 साल बाद बाजारों में दिख भी रहा हैं। कोरोना की वजह से पिछले दो सालों से हर पर्व पर वो पहले जैसी रौनक देखने को नहीं मिल रही थी लेकिन इस बार बाजारों में जमकर लोग खरीदारी कर रहें हैं। इस बार स्थानीय बाजार में चाइनीज बल्ब, झालरों, लड़ियों की जगह देश में ही तैयार इन सामग्री की उपलब्धता अधिक दिख रही है। अच्छी क्वालिटी और टिकाऊ होने के कारण ग्राहकों की ये पहली पसंद बने हुए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के अभियान का देश भर में उपभोक्ताओं पर बहुत प्रभाव पड़ा है।

इस बार मनाई जाएगी भारतीय दिवाली

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक, देश भर में इस वर्ष दिवाली पर्व की खरीदी एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक होगी। भारतीय आयातकों ने इस साल चीन से दिवाली से संबंधित किसी भी वस्तु का आयात नहीं किया है, जिससे चीन को लगभग 75,000 करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है। बता दें कि साल 2020 में चीन के गलवान घाटी पर आक्रमण के बाद से ही देश भर के व्यापारियों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का संकल्प ले लिया था, जिस पर वह अमल कर रहें हैं और इस कारण देश भर के बाजारों में स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को बड़ा व्यापार मिलेगा और आने वाले समय में रोजगार की भी संभावना बढ़ेगी।

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