भूतों की भी होती है कई किस्म, चुड़ैल और पिशाच में होता है अंतर

Ghosts

Ghosts

Different types of Ghosts : भूत के किस्सों को राज अब तक रहस्यमय ही हैं। कोई इस पर विश्वास करता है तो कोई इसे अंधविश्वास मानता है। है। माना जाता है कि भूतों की अपनी ही एक अलग दुनिया होती है जिसे आज तक शायद ही कोई समझ पाया है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि इंसान के मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा को जब तक किसी और का शरीर नहीं मिल जाता, तब तक वह मुक्त नहीं होती और घूमती रहती है, जिसको भूत कहा जाता है। शब्द भूत का अर्थ होता है, जो बीत चुका हो। गौरतलब है कि भूतों की भी कई किस्म होती हैं, जिनमें कई अंतर भी होते हैं। जैसे कि-

चुड़ैल

चुड़ैल वह औरत होती है, जिन पर जीवित रहते समय बहुत ज्यादा अत्याचार किया जाता है और जो जादू-टोना, तंत्र-मंत्र जानती हैं। मरने से पहले वो मनुष्य की जान भी ले लेती है या किसी वहज से नहीं ले पाती वो मरने के बाद चुड़ैल बन जाती है। चुड़ैल की पहचान उनके पैर से होती है। माना जाता है कि चुड़ैलों के पैर के पंजे आगे की बजाए पीछे होते है यानी उलटे होते हैं।

पिशाच

ईसाई धर्म में वैम्पायर को पिशाच माना जाता हैं। पिशाच एक तरह के जीव होते है, जो इंसान का खून पीने के साथ-साथ उनका मांस भी खाते है और जीवित रहते है। हालांकि कुछ मान्यता के अनुसार इन्हें मरा हुआ भी माना जाता है। इसके अलावा एक ये भी मान्यता है कि ये इंसानों की तरह ही एक योनि है। जो अपने परिवार वालों के साथ रहते थे और भोजन के लिए जंगलों में शिकार करते थे।

जिन्न

इस्लाम धर्म में जिन्न को बहुत ज्यादा माना जाता हैं। कहा जाता है कि इंसानो की तरह ही जिन्न होते है बस ये मिट्टी की जगह आग से बने होते हैं। जिन्न, इंसानों के बीच ही रहते है और ईश्वर की पूजा करते हैं। जिन्न को दरियादिल नाम से भी माना जाता हैं। ये इंसान की मदद करते है लेकिन उसके बदले में उनसे कुछ लेते है, जिसे अपने शरीर में शामिल करते हैं।

ब्रह्मराक्षस

ब्रह्मराक्षस को सबसे शैतानी आत्मा माना जाता हैं। धरती पर ब्राह्मण का काम होता है, लोगों को शिक्षा देना, ज्ञान देना और पूजा-पाठ करना और जो ब्राह्मण ये काम नहीं करता और गलत रास्ते पर जाता है वो मरने के बाद ब्रह्मराक्षस बन जाता हैं। हालांकि ये मरने के बाद भी लोगों की बात मानते है।

प्रेत

प्रेत को भूखी आत्माओं के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार, जो लोग पिछले जन्म में गलत काम करते है और उनका लालच या उनकी भूख जीवनभर खत्म नहीं होती, वो प्रेत आत्मा बन जाते हैं। साथ ही जिन आत्माओं की भी कोई इच्छा या भूख अधूरी रह जाती है, वो भी अक्सर प्रेत बन जाते हैं। गौरतलब है कि प्रेत अपनी इच्छा पूरी करने के लिए इंसानों को भी परेशान व नुक्सान पंहुचा सकते हैं।

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