Makar Sankranti : भगवान राम से जुड़ी है पतंग उड़ाने की पौराणिक कथा, वैज्ञानिक वजह भी है खास

Significance of flying Kites on Makar Sankranti

Significance of flying Kites on Makar Sankranti

Significance of flying Kites on Makar Sankranti : हिन्दू धर्म, में मकर संक्रांति के पर्व का बहुत महत्त्व हैं। समूचे भारत में ये पर्व बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार के दिन खासतौर पर तिल और गुड़ के लड्डू बनाए जाते है। साथ ही सूर्य देव, शनि देव, भगवान विष्णु और कुल देवी-देवता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं। इसके अलावा इस दिन (Makar Sankranti) पतंग उड़ाने का भी अपना महत्त्व है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में मकर संक्रांति के दिन पतंग (Kites) उड़ाने के धार्मिक और साइंटिफिक कारण के बारें में बताएंगे।

जानिए क्यों उड़ाई जाती है पतंग

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन देशभर में पतंग उड़ाई जाती है। इसलिए इस पर्व को पतंग पर्व के नाम से भी जाना जाता हैं। दक्षिण भारत के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, पतंग उड़ाने की परंपरा की शुरुआत भगवान श्रीराम ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि राम जी ने सबसे पहले पतंग (Kites) उड़ाई थी, जो इंद्र लोक तक गई थी। हालांकि, इसके बाद से ही देशभर में पतंग उड़ाने की परंपरा चली आ रहीं हैं।

जानिए वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक, पतंग (Kites) उड़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही दिमाग और दिल का संतुलन भी बना रहता हैं। धूप में पतंग उड़ाने से शरीर को विटामिन-डी मिलता है, जिससे स्किन सम्बंधित बीमारियां नहीं होती हैं। इसके अलावा मानव शरीर पर सूर्य की किरणें औषधि की तरह काम करती है। इसलिए इस पर्व (Makar Sankranti) में पतंग उड़ाने की मनाही नहीं होती।

 

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