37 साल की यात्रा रहेगी यादगार चीफ जस्टिस आज होंगे सेवानिवृत

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भारत के निवर्तमान चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपने लगभग 37 साल के सफर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक वकील और एक न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल का भरपूर आनंद उठाया। सीजेआइ ललित मंगलवार को यानी आज सेवानिवृत्त होने वाले हैं। रिटायरमेंट से पूर्व सोमवार शाम को सीजेआइ ललित को फेयरवेल पार्टी दी गई जिसमें वो जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के साथ नजर आए।

चंद्रचूड़ को कमान सौंपना एक सुखद एहसास

वह सोमवार दोपहर को अपने उत्तराधिकारी और अगले चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के साथ शीर्ष कोर्ट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को कमान सौंपना एक बहुत अच्छा एहसास है, क्योंकि उन्होंने उनके पिता और 16 वें मुख्य न्यायाधीश यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के सामने शीर्ष अदालत में अपना कार्यकाल शुरू किया था। उन्होंने कहा, ‘ मैंने इस अदालत में 37 साल का समय बिताया है। इस अदालत में मेरी यात्रा कोर्ट नंबर-1 के माध्यम से शुरू हुई थी। मैं बांबे हाई कोर्ट में अभ्यास कर रहा था और फिर मैं सीजेआइ वाईवी चंद्रचूड़ के समक्ष एक मामले की सुनवाई के दौरान यहां आया था। मेरी यात्रा इसी कोर्ट से शुरू हुई थी और आज इसी कोर्ट से खत्म हो रही है।’

कई संविधान पीठों का किया गठन

ललित ने कहा कि अब मैं एक बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति और पूर्व सीजेआइ यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के बेटे को कमान सौंपता हूं। यह मेरे लिए एक खूबसूरत अवसर है और मैं इससे बड़ा कुछ नहीं मांग सकता। कई संविधान पीठों के गठन का जिक्र करते हुए चीफ जस्टिस ललित ने कहा कि बार के लिए कुछ करना बहुत यादगार और संतोषजनक अहसास रहा है। देश के 50वें चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालने जा रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीजेआइ ललित को इस अदालत द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के लिए बुलाए जाने और फिर उनके चीफ जस्टिस बनने का अनूठा गौरव प्राप्त है। चीफ जस्टिस विदाई समारोह में बोले- सभी जजों को संविधान बेंच का हिस्सा बनने का मौका मिले।

मनोनीत चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, वे समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे

चीफ जस्टिस यूयू ललित ने सोमवार को अपने अंतिम कार्यदिवस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह में चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं बड़ी उपलब्धि और संतुष्टि की भावना के साथ यहां से जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैंने लगभग 37 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस की है, लेकिन मैंने कभी भी दो संविधान बेंच को एक साथ बैठे नहीं देखा, लेकिन चीफ जस्टिस बनने के बाद विशेष दिन पर तीन संविधान बेंच बैठी।

चीफ जस्टिस ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सभी जजों को संविधान बेंच का हिस्सा बनने का मौका मिले। इस मौके पर आगामी मनोनीत चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे समय की कसौटी पर खरे उतरेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने वादा किया कि आगे निरंतरता की भावना होगी कि वह उन सुधारों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे जिन्हें उनके पहले के चीफ जस्टिस ने शुरू किया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस के पिता और वकील से जज बने जस्टिस यूआर ललित का जिक्र करते हुए कहा कि सीनियर जज ललित को आज बहुत गर्व होना चाहिए। इस मौके पर पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जस्टिस ललित बार और बेंच दोनों में शानदार रहे, साथ ही अन्य वकीलों और सीनियर वकीलों में भी शामिल रहे।

उन्होंने कहा कि करीब 54 संविधान बेंच के मामले जो दफन पड़े थे, उन्हें व्यवस्थित किया गया। उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस ललित के कार्यकाल से पहले कभी भी दो से अधिक संविधान बेंचों को एक साथ काम करते नहीं देखा। आज चीफ जस्टिस के अंतिम कार्यदिवस के दिन उनकी अध्यक्षता में बैठी बेंच की सुनवाई का सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट से सीधा प्रसारण किया गया।

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