Vocational Course : इससे छात्रों को फायदा होगा और सवरेगा भविष्य

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Vocational Course : भारत अब नये तरीके से आगे बढ़ रहा है. चाहे वो कोई भी क्षेत्र हो. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में. केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव भारत के विकास को और तेज कर रहा है. इसी बीच अब स्कूली शिक्षा में स्किल इंडिया कार्यक्रम को इंटीग्रेट करने की योजना को लागू किया जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में वोकेशनल विषयों को मुख्य धारा की शिक्षा के साथ जोड़ने की सिफारिश की गई है. यह कदम स्वागत योग्य है. इससे छात्रों आगे चलकर काफी फायदा होगा. देश में पहली बार छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए ऐसे सराहणीय कदम उठाए जा रहे है जो पहले शायद नहीं हुए. अब राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के तहत वोकेशनल कोर्स तैयार किया जा रहे हैं। इसको लेकर राज्यसभा में भी चर्चा हुई. राज्यसभा में इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि नवीन और दसवीं क्लास में छात्रों को एक अतिरिक्त विषय के रूप में वोकेशनल सब्जेक्ट पढ़ना होगा जबकि 11वीं और 12वीं में वोकेशनल कोर्स को कंपलसरी विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इसे सफल करने के लिए स्कूलों में मॉडर्न लैब बनाई जा रही हैं।

 

 

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से देश भर में स्किल इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। यही कदम स्वागत योग्य है कि उद्यमिता मंत्रालय के सहयोग से स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग स्कूली शिक्षा में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 को लागू कर रहा है। अब वोकेशनल कोर्स को पढ़ाई का अनिवार्य हिस्सा बना दिया गया है। इससे छात्रों का भविष्य बनेगा. वोकेशनल एजुकेशन किताबी पढ़ाई अर्थात् थ्योरी पर कम प्रैक्टिकल ज्ञान पर अधिक फोकस करता है। छात्र किसी खास विषय के तकनीक या प्रौद्योगिकी पर महारत हासिल करते हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि जैसे-जैसे दुनिया बढ़ रही है ठीक वैसे ही पढ़ाई करने के तरीके भी बदल रहे हैं। पहले माँ-बाप अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर ही बनाना ही पसंद करते थे क्योकिं केवल इसी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित हुआ करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।

 

 

अब हर छात्र अपनी पसंद के हिसाब से रोजगार आधारित कोर्स को भी पढ़ेगा। इस बारे में और बात करें तो नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में भी कहा गया है कि छात्र करिकुलम एरिया में से कोर्स को चुन सकेंगे। ह्यूमैनिटीज, मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग, वोकेशनल एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन, आर्ट एजुकेशन, सोशल साइंस, साइंस, इंट्रडिसीप्लिनरी एरिया में हर एक में से दो-दो कोर्स चुनने होंगे। राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के अलावा सीबीएसई स्कूलों, यूनिवर्सिटीज, केंद्रीय विद्यालयों, स्किल यूनिवर्सिटीज, केंद्रीय विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, जवाहर नवोदय विद्यालयों, जन शिक्षा संस्थान, आईटीआई में स्किल हब बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज में भी स्किल हब बनाने की तैयारी की जा रही है।

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