SS Rajamouli: एसएस राजामौली ने धर्म को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- ‘धर्म एक प्रकार का शोषण हैं’

SS Rajamouli Statement

SS Rajamouli: साउथ सिनेमा के नामचीन डायरेक्टर एसएस राजामौली (SS Rajamouli) आए दिन किसी न किसी वजह से लाइमलाइट में छाए रहते हैं। निर्देशक साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सबसे सफल डायरेक्टर्स में से एक हैं। उनकी फिल्म ‘बाहुबली’ (Bahubali) से लेकर ‘आरआरआर’ (RRR) तक ने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने नाम का डंका बजाया है। राजामौली के निर्दैशन में बनी फिल्म ‘आरआरआर’ ने तो इंटरनेशनल लेवल पर एक के बाद एक कई अवार्ड अपने नाम किए हैं और अब फिल्म ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट हो चुकी है। हालांकि अपनी फिल्मों के अलावा राजामौली अपने बयानों और सादगी भरे बोल के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने ‘द न्यू यॉर्कर’ के साथ इंटरव्यू के दौरान धर्म को लेकर काफी बातचीत की और इसी के साथ उन्होंने अपने फिल्मों में रामायण और महाभारत के फैक्टर को लेकर भी खुलकर बात की।

राजामौली ने धर्म को लेकर कही ये बात

आपको बता दें कि अपनी फिल्मों में बेहतरीन निर्देशन के लिए जाने-जाने वाले राजामौली एक बहुत ही सरल धार्मिक प्रवृति के इंसान हैं। उनका पूरा परिवार काफी धार्मिक है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि, ‘मैं अपने परिवार के धार्मिक उत्साह में फंस गया। मैंने धार्मिक ग्रंथ पढ़ना, तीर्थ यात्रा पर जाना, भगवा वस्त्र धारण करना और कुछ वर्षों तक सन्यासी की तरह रहना शुरू किया। फिर मैं ईसाई धर्म में शामिल हो गया, कुछ दोस्तों के लिए धन्यवाद। मैं बाइबल पढ़ता हूं, चर्च जाता हूं और हर तरह की चीज़ें करता हूं। धीरे-धीरे, इन सभी चीजों ने मुझे किसी तरह यह महसूस कराया कि धर्म अनिवार्य रूप से एक प्रकार का शोषण है।’

रामायण, महाभारत से है खास प्यार- राजामौली

इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए आगे एसएस राजामौली ने रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों की जमकर तारीफ की। इसी के साथ उन्होंने अपनी फिल्मों में रामायण और महाभारत की झलक दिखने पर भी खुलकर बात की। राजामौली ने कहा कि, ‘महाभारत या रामायण जैसी कहानियों के लिए मेरा प्यार कभी कम नहीं हुआ। मुझसे जो कुछ भी निकलता है वह किसी न किसी तरह से इन ग्रंथों से प्रभावित होता है।’

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