Shahid Kapoor: नेपोटिज्म को लेकर शाहिद कपूर ने कही बड़ी बात, बोलें- ‘बीएमडब्ल्यू में धूमने से संघर्ष नहीं होता’

Shahid Kapoor

Shahid Kapoor: बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने माने एक्टर शाहिद कपूर आए दिन सुर्खियों में छाए रहते हैं। शाहिद हाल ही में फिल्म ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’में नजर आए थे। इस फिल्म में एक्टर के कृति सेनन लीड रोल में नजर आई थी। वहीं फिल्म को भी लोगों की तरफ से काफी अच्छा रिस्पान्स मिला था।

जब भी शाहिद के करियर के के बारे में होती है तो लोगों को हमेशा यह लगता है कि एक्टर के माता-पिता की वजह से उन्हें इंडस्ट्री में एंट्री मिली है, लेकिन शाहिद इन बातों को सिरे से खारिज करते हैं।

नेपोटिज्म को लेकर शाहिद ने की बात

आपको बता दें कि नेहा धूपिया के शो ‘नो फिल्टर नेहा’ में शाहिद कपूर ने कहा कि हर कोई उन्हें ‘पंकज कपूर का बेटा’ कहता है, लेकिन उन्हें लगता है कि नॉर्मल कलाकारों की तुलना में केवल सुपरस्टार्स ही दर्शकों पर महत्वपूर्ण प्रभाव रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई बीएमडब्ल्यू कार में संघर्ष करना शुरू कर दे और फिर दूसरी बीएमडब्ल्यू खरीदना शुरू करे तो कोई मजा नहीं है।

उन्होंने कहा कि सफलता का आनंद लेने के लिए ट्रेनों से यात्रा करने और पैसे के लिए संघर्ष करने का अनुभव करना पड़ता है। अपने करियर के शुरूआती दिनों के याद करते हुए शाहिद कपूर ने बताया, “जब आप शैमक के साथ शुरुआत करते हैं, तो आपको अंतिम पंक्ति में रहना होता है।

तो भूल जाइए कि आप जाएंगे और आपको एक स्टार के पीछे खड़ा कर दिया जाएगा। आप भी बाकियों की तरह अपने साथी कलाकारों के पीछे रहते हैं। आपको अपने काम से आगे आने का अधिकार लेना होगा और यही मुझे पसंद है।”

माता-पिता के तलाक को लेकर की बात

गौरतलब है कि अपने  माता-पिता के अलगाव के बारे में बात करते हुए, शाहिद ने स्वीकार किया कि उस दौरान उन्हें खुद पर गर्व हो गया था और वह किसी से कुछ भी नहीं कहना चाहते थे। उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन करने के बाद अपने पिता को इस बारे में बताया था। एक्टर ने आगे कहा, “दरअसल, मैं भी बाहर से आया हूं, क्योंकि मैं अपनी मां के साथ दिल्ली से बॉम्बे आया था और फिर मैंने संघर्ष किया।

मेरे पास कोई चैनल नहीं था। प्रतिभा को उतना अवसर नहीं दिया जा रहा है, जितना मिलना चाहिए और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं यहां उस काम की वजह से हूं, जो मैंने किया और उस अभिनेता की वजह से जो मैंने बनना सीखा।”

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