महाभारत ग्रंथ को क्या घर में नहीं रखना चाहिए ?

Mahabharat

Mahabharat : घर से बाहर जाते समय अगर कोई छींक दिया, तो अब कुछ-न-कुछ गड़बड़ जरूर होगी। अरे, उल्टी चप्पल को तुरंत सीधा करों नहीं तो किस्मत भी उल्ट जाएगी। हम इस तरह की कई सारी बातें लोगों से व अपने बड़े-बुजुर्गों से सुनते आ रहे है। इसी के साथ ये भी सुनने को मिलता हैं कि घर में महाभारत ग्रंथ को नहीं रखना चाहिए और न ही घर में इसका पाठ करना चाहिए, क्योंकि इसमें युद्ध के बारें में बताया गया है, जिससे परिवार में लड़ाई-झगड़े होते हैं।

कहा तो ये भी जाता है कि घर में महाभारत से जुड़ी किसी भी वस्तु को रखने से अशुभ घटनाएं घटने लगती हैं, रिश्तों में नोंक-झोंक होती हैं, परिवार में दूरियां बढ़ती हैं, लेकिन क्या महाभारत ग्रंथ को लेकर बनाई गई ये धारणा सही है? युद्ध की बातें क्या केवल और केवल महाभारत में ही हैं? अन्य किसी भी ग्रन्थ में क्या युद्ध से सम्बंधित किसी भी बात का वर्णन नहीं है? आज हम इसी विषय के बारे में बात करेंगे।

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महाभारत को लेकर क्या है धारणाएं

तो आपको बता दें कि महाभारत को लेकर ये केवल एक मिथ्या है, जिसे जानबूझकर फैलाया गया है। गौर करने वाली बात ये है कि रामायण से लेकर दुर्गा सप्तशती, पुराण और अन्य कई ग्रंथों में युद्ध का वर्णन मिलता है तो फिर जब इन तमाम ग्रंथो को घर में रखा जा सकता हैं, तो महाभारत को क्यों नहीं? इतना ही नहीं कुछ लोगों के बीच तो महाभारत (Mahabharat) को लेकर ये भी धारणा बनी हुई है कि इसका पाठ घर में करने की जगह मंदिर या फिर किसी खुले स्थान में ही करना चाहिए। साथ ही इसे पूरा नहीं पढ़ना चाहिए, बल्कि एक पृष्ठ को हमेशा खाली छोड़ देना चाहिए। इन बातों के पीछे ये कारण बताया जाता है कि जैसे रामायण में एक भाई दूसरे भाई के लिए अपना सिंहासन छोड़ देता है। तो वहीं, महाभारत में सिंहासन के लिए एक भाई, दूसरे भाई का शत्रु बन जाता है, जिसके चलते वह उसके प्राण तक लेने का प्रयास करता है।

आपको बता दें कि, प्राचीनकाल में महाभारत ग्रंथ (Mahabharat) को लेकर इस तरह की कोई धारणा नहीं थी। मध्यकाल में ये धारणा लोगों के बीच फैलाई गई थी। कहा जाता है कि मध्यकाल में हिन्दुओं को उनके धर्मग्रंथों, संस्कृति और भाषा से दूर करने के लिए कई तरह के दुष्प्रचार फैलाए गए थे, जिसमें से एक ये भी था, कि महाभारत को घर में नहीं रखना चाहिए। यानी कि ये केवल और केवल एक अफवाह ही है जिसे सच के रूप में स्थापित किया गया है।

महाभारत से मिलता है अनंत ज्ञान

आपको बताते चले कि महाभारत ग्रंथ (Mahabharat) में पुराण, भारतीय इतिहास, वेद, उपनिषद और हिन्दुओं के संपूर्ण ग्रंथों का सार मिलता है। ये एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो संपूर्ण हिन्दू धर्म और उसके इतिहास का प्रतिनिधित्व करता आया है। अत: इस ग्रंथ को घर में जरूर रखना चाहिए। इसे पढ़ने और समझने से व्यक्ति को इतिहास और संपूर्ण ग्रंथों का ज्ञान मिलता है। इसके अलावा इसमें न्याय, अन्याय, धर्म, नीति, ज्ञान, तर्क, विद्या, कला, राजनीति, मोक्ष, रिश्तों और जीवन से जुड़ी हर एक समस्या का उल्लेख है, जो मनुष्य को बुद्धिमान और समझदार बनाता है।

गौरतलब है कि एक तरफ जहां, रामायण में इस बात पर जोर दिया गया है व्यक्ति को जीवन में क्या करना चाहिए तो वहीं महाभारत, (Mahabharat) ये सिखाती है कि मनुष्य को जीवन में क्या नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आप भी महाभारत से दूरी बनाते हैं तो आप इतने सारे ज्ञान से वंचित हो सकते हैं।

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