Randeep Hooda: रणदीप हुड्डा ने किया शॉकिंग खुलासा, एक फिल्म को करते हुए जा सकती थी एक्टर की जान

Randeep Hooda

Randeep Hooda: बॉलीवुड इंडस्ट्री के एक्टर रणदीप हुड्डा आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। रणदीप इन दिनों अपनी फिल्म वीर सावरकर को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। एक्टर की फिल्म ‘स्वतंत्र वीर सावरकर: ए सिनेमैटिक ट्रिब्यूट टू इंडियाज अनसंग हीरो’ नाटकीय है। ये फिल्म राष्ट्रीय शहीद दिवस के मौके पर यानी 22 मार्च 2024 को रिलीज हुई और इसे दर्शकों का खूब प्यार मिला।

रणदीप ने इस फिल्म के जरिए अपने निर्देशन करियर की भी शुरुआत की। फिल्म में लीड रोल निभाने वाले रणदीप हुड्डा आए दिन इस फिल्म से जुड़ी कोई-न-कोई जानकारी साझा करते रहते हैं। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए उन्होंने एक और दिलचस्प और खतरनाक बात बताई है।

फिल्म को लेकर कही बड़ी बात

आपको बता दें कि हाल ही में एक इंटरव्यू में रणदीप ने बताया कि फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ कि शूटिंग करते वक्त एक समय ऐसा भी था जब वह केवल पानी और कॉफी पर ही रहने लगे थे और जबरदस्त डाइटिंग करने लगे थे। रणदीप ने बताया कि फिल्म में वजन कम करने के लिए उन्होंने इतनी ज्यादा डाइडिंग कर ली थी कि एक समय ऐसा था जब उनकी जान तक जा सकती थी।

एक्टर ने आगे कहा, ”इस फिल्म के लिए उन्होंने 32 किलो तक का वजन घटाया है। इस वजह को उन्हें पूरे 18 महीने तक मेनटेन करके रखना पड़ा था। फिल्म की शुरुआत और अंत के लिए शुरू से ही किसी रूल को फॉलो नहीं किया जा रहा था, जिसकी वजह से रणदीप पर भावनात्मक और शारीरिक प्रभाव देखने को मिला।”

रणदीप ने किया ‘सरबजीत’ का जिक्र

गौरतलब है कि रणदीप ने अपनी एक और फिल्म ‘सरबजीत’ के दौरान हुए अनुभव को भी बांटा। उन्होंने कहा, ”मेरे पैर की नली मेरी जांघ तक मुड़ी हुई थी, जिससे मुझे एहसास हुआ कि मैं कितना कमजोर हो गया हूं। अपनी हालत देखते हुए हुडा ने फिल्म से एक छोटा ब्रेक लिया और उन्होंने लंबे समय तक भोजन की कमी की भरपाई की। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से अपने स्वास्थ्य को ठीक किया।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिर से किसी फिल्म के लिए डाइटिंग करेंगे तो इस पर रणदीप हुडा ने कहा, ” मैं अब बहुत ही समझदार और दिमागदार लोगों के साथ काम करूगा। जिनको अपनी फिल्म के साथ मेरी सेहत का भी पूरी ध्यान हो। मैं बहुत बुरी स्थिति से गुजर चुका हूं।” फिल्म ‘सरबजीत’ और ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ जैसी फिल्मों ने उन्हें शारीरीक और मानसिक पिड़ा का अहसास कराया है। वह अब इस तरह की फिल्मों को करने से बचेंगे।

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