Transgender History : संसार के पहले ट्रांसजेंडर थे राजा इल, जानिए पुरूष से स्त्री में कैसे बदले?

World's First Transgender

World’s First Transgender: दुनियाभर में कई ऐसे लोग हैं, जो अपने लिंग को बदलवाते है। आम भाषा में इन्हें ट्रांसजेंडर कहा जाता है। ट्रांसजेंडर का लिंग जन्म के समय तय किए गए लिंग से अलग होता है। इनमें इंटरसेक्स, ट्रांसमेन, ट्रांसवीमन और किन्नर भी शामिल होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रांसजेंडर को अपने लिंग निर्धारित करने का अधिकार होता है, लेकिन इन्हें समाज में कई बार भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ता है। बहरहाल इसके बाद भी कई लोग अपने लिंग का परिवर्तन कर वाते हैं।

आज हम आपको इस आर्टिकल में दुनिया के सबसे पहले ट्रांसजेंडर (World’s First Transgender) के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो अपनी मर्जी से नहीं बल्कि एक श्राप की वजह से पुरुष से स्त्री में परिवर्तित हो गए थे।

पुरुष से स्त्री बनकर राजा ने बालक को दिया था जन्म

पौराणिक कथाओं के अनुसार दुनिया के सबसे पहले ट्रांसजेंडर (World’s First Transgender) का नाम राजा इल (raja ill) था। राजा इल एक बार गलती से शिवलोक के उस प्रतिबंधित क्षेत्र में चले गए थे, जहां भगवान शिव जी (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parwati) एक साथ विश्राम किया करते थे। उस प्रतिबंधित क्षेत्र में अगर कोई पुरुष प्रवेश करता था तो वह स्त्री रूप में परिवर्तित हो जाया करता था। इसी वजह से राजा इल, (raja ill) स्त्री रूप में रानी इला में परिवर्तित हो गए थे। इसके बाद रानी इला का विवाह बुध से हुआ, जिससे उनकी संतान पुरुरवा का जन्म हुआ।

पुरुरवा जब बड़े हुए तो उन्हें पता चला कि उनकी मां (World’s First Transgender) किसी बात से परेशान है। फिर उन्होंने अपनी माता से उनके दु:खी होने का कारण पूछा। इसके बाद माता ने पुरुरवा को सारी सच्चाई बताई, जिसके बाद उन्होंने भगवान शिव (Lord Shiv) की विशेष साधना की, जिससे राजा इल को स्त्री श्राप से मुक्ति मिल गई।

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