” महाकाल लोक ” का पीएम ने किया अनावरण, बोले – काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं महाकाल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मध्यप्रदेश में स्थित महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने महाकाल मंदिर में पूजा की। पीएम ने मंगलावार को उज्जैन में ” महाकाल लोक ” का लोकार्पण किया। पीएम ने उज्जैन शहर में ‘श्री महाकाल लोक’गलियारे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया। श्री महाकाल लोक गलियारा 900 मीटर से अधिक लंबा है। ये गलियारा पुरानी रूद्र सागर झील के चारो ओर फैला हुआ है। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के क्षेत्र को पुनर्विकास करने की परियोजना के तहत रुद्र सागर झील को पुनर्जीवित किया गया है। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर मंदिर का अलग महत्व है।

 

पीएम बोले – शिव ही ज्ञान हैं

बात अगर श्री महाकाल लोक गलियारे की करें तो गलियारे के लिए दो भव्य प्रवेश द्वार-नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बनाए गए हैं। यह गलियारा मंदिर के प्रवेश द्वार तक जाता है तथा मार्ग में मनोरम दृश्य भी देखने को मिलते है। महाकाल मंदिर के नवनिर्मित गलियारे में 108 स्तंभ बनाए गए हैं। इन्हीं 108 स्तंभों पर पूरा महाकाल मंदिर टिका है। साथ ही महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। सैकड़ों वर्षों के बाद इसे साकार रूप दिया गया है। श्री महाकाल लोक को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद पीएम ने यहां एक जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम ने कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं। उन्होंने बताया कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। यहां 84 शिवलिंग 84 कालचक्रों के कल्प का प्रतिनिधित्व करते हैं। पीएम ने कहा कि यही वहीं जगह है जहां भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिव ही ज्ञान हैं और ज्ञान ही शिव है।

 

 

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