पिंक लड़कियों के लिए, ब्लू लड़कों के लिए, आखिर किसने, कब और क्यों किया लिंग के आधार पर रंगों का बंटवारा

Dress

दुनियाभर में लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति लगातार जागरूक किया जा रहा है, जिससे वह भविष्य में आने वाली हर तरह की चुनौतियों का सामना कर सकें। इसका सीधा संदेश है बेटी और बेटे को बराबर का अधिकार मिलना, लेकिन सबसे पहले इसके लिए जरूरी है लिंग आधारित चुनौतियों का जल्द समाप्त होना। गौरतलब है कि जन्म के समय के साथ ही लड़के और लड़कियों को कई चीजों में अंतर के साथ बांट दिया जाता है। जैसे कि लड़कियों के लिए गुलाबी यानी पिंक कलर और लड़कों के लिए नीला यानी ब्लू।

कैसे बदला रंगों का विभाजन

पुराने समय से ही रंगों का ऐसा बटवारा होता रहा है, जो कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी चल रहा हैं। जिसका चलन अब धीरे-धीरे दुनियाभर में प्रचलित हो गया है, जिसको हमारे समाज ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया है। बता दें कि इतिहास में रंगों का विभाजन आज के समय के मुकाबले बिलकुल उल्टा था। पहले के समय में पिंक कलर को पुरुषत्व का प्रतीक माना जाता था क्योंकि गुलाबी रंग का निर्माण लाल रंग से होता है जो कि रक्त, युद्ध और ताकत का प्रतीक है और इसीलिए पुराने रोमन सैनिकों के हेल्मेट पर लाल और गुलाबी रंग की कलगी होती थी। वहीं नीले रंग को ज्यादा नाजुक और सजीला माना जाता था, इसलिए ये महिलाओं के नाज़ुक और कोमल होने से जोड़ा जाता था। इसके अलावा नीले रंग के चटख होने के कारण महिलाएं इसे ज्यादा पसंद करती थी।

जब रंगों ने तय किया कार्य

बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध के समय एक ऐसी घटना हुई थी जिसमें इस स्टीरियोटाइप को तय किया गया था। विश्वयुद्ध के दौरान, रोजगार के भी कई अवसर बने थे, जैसे- नर्स, वेटर, सेक्रेटरी और टायपिस्ट आदि। इन नौकरियों को व्हाइट कॉलर और ब्लू कॉलर के दर्जे में नहीं रखा गया था इसलिए इन्हें पिंक कॉलर जॉब्स का दर्जा दिया गया। साथ ही इन्हें महिला प्रधान माना गया और तभी से महिलाओं के लिए गुलाबी रंग को तय कर दिया गया। इसके बाद 1940 के दशक में, इन रंगों का ट्रेंड बदला गया। एक अमेरिकी फैशन ब्रांड ने पहली बार जेंडर के आधार पर छोटे बच्चों और बच्चियों के कपड़ों में परिवर्तन किया। इस ब्रांड ने दोनों के लिए अलग-अलग ड्रेसेज बनाई, जिसमें उन्होंने लड़कियों की ड्रेसेज का रंग पिंक और लड़कों के कपड़ों का रंग ब्लू रखा। कम ही समय में अमेरिकियों को ये ट्रेंड बहुत पसंद आया और उनको देखते हुए पूरी दुनिया में यह ट्रेंड शुरू हो गया।

Exit mobile version