निकल गईं पाकिस्तान की हेकड़ी! आखिरकार कश्मीर पर स्वीकार कर ली ये बात

bilawal bhutto on kashmir

पाकिस्तान एक ऐसा देश जिसकी खुद की हालत खराब है, घर में खाने को कुछ भी नहीं, फिर भी वो दुनिया के सामने चौधरी बनने की कोशिश करता रहता है। पाकिस्तान जहां अल्पसंख्यकों का चैन से जीना मुश्किल है, वो कई बार भारत को मानवाधिकार पर ज्ञान देने की कोशिश करता है। इतना ही नहीं वो बार-बार अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर कश्मीर के मुद्दे को उठाने की भी कोशिशें करता रहता है। वो बात अलग है कि हर बार उसे भारत से ऐसा जवाब मिलता है कि उसकी बोलती ही बंद हो जाती है।

बिलावल भुट्टो ने कबूला सच

हालांकि अब ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को ये समझ आने लगा है कि बार-बार कश्मीर का रोना रोकर उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto) ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक मुख्‍य मुद्दा बनाने और इस पर संगठन का ध्‍यान आ‍कर्षित करने में नाकाम रहा है।

साथ ही उन्होंने ये बात भी मानी कि जहां उनकी सारी कोशिशें फेल हो रही हैं, तो वहीं भारत के कश्मीर मुद्दे पर सभी कूटनीतिक प्रयास सफल रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बिलावल ने तो इस दौरान अपने एक बयान भारत को अपना दोस्त तक बता दिया।

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नहीं मिल रहा कश्मीर पर पाक को सपोर्ट

दरअसल, शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (Bilawal Bhutto Confernce) की, जिसमें उन्होंने कहा- “आपको ये जानने की जरूरत है कि हम कश्मीर मामले को यूएन के एजेंडे के तौर पर आगे बढ़ाने में और इस पर संगठन का ध्यान आकर्षित करने में चुनौतियों का सामना करते हैं।“ आगे उन्होंने कहा- “हमारा दोस्त, पड़ोसी देश इसका विरोध करता है और वो कहता है कि कश्मीर में कोई विवादित सीमा नहीं है। यूएन भी इसी तथ्य पर आगे बढ़ता है।“ इस दौरान वो भारत को दोस्त कहते कहते लड़खड़ा भी जाते हैं।

बार-बार कश्मीर राग अलापता हैं पाकिस्तान

पाकिस्तान की अब तो ये आदत हो गई है कि वो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार बार कश्मीर के मुद्दे को उछालता है और हर बार भारत उसे लताड़ देता है। बीते दिनों इंटरनेशनल वुमेंस डे पर आयोजित एक बैठक में बिलावल भुट्टो ने कश्मीर का राग अलापा था। इसके बाद भारतीय प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने उन्हें इसके लिए आईना दिखाते हुए कहा गया कि वह पाकिस्तान को इस योग्य भी नहीं मानता कि उसके इस तरह के ‘दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार’ का जवाब दिया जाए।

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