पहले भी कई घाव दे चुका है PAFF: अब पुंछ में सेना की गाड़ी पर किया हमला, 5 जवान शहीद

jammu kashmir attack

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर नापाक हरकत को अंजाम दिया है। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने सेना की गाड़ी को निशाना बनाया। आतंकियों ने जवानों के वाहन पर पहले अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। फिर ग्रेनेड और फायर बम फेंककर वाहन को आग लगा दी। इस हमले में हमारे पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। आतंकी हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है, जिसे जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन बताया जा रहा है।

शहीद हुए जवानों में चार पंजाब से और एक ओडिशा के जवान शामिल थे। हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह इस आतंकी हमले में शहीद हो गए।

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कैसे दिया आतंकी हमले को अंजाम? 

पुंछ में गुरुवार इस हमले को तब अंजाम दिया गया, जब सेना की गाड़ी राजौरी सेक्टर और पुंछ के बीच हाइवे से गुजर रही थी। अचानक हुई गोलीबारी से वहां हड़कंप मच गया। इलाका तीनों तरफ से पहाड़ से घिरा हुआ था, जिसकी वजह से आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब हो गए। गोलीबारी के बाद सेना की गाड़ी में आग लग गई। इस हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा ये भी हुआ है कि आतंकियों ने इस दौरान स्टील बुलेट का इस्तेमाल किया था, जो बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेद सकती हैं। सेना ने अपने एक बयान में बताया है कि आतंकवादियों ने भारी बारिश और कम धुंध का फायदा उठाते हुए वाहन पर गोलीबारी की।

कई हमलों को दे चुका है अंजाम

PAFF की बात करें तो जम्मू कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। ये संगठन 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार चर्चा में आया था। PAFF ने पहले भी कई बार हमें घाव दिए हैं। PAFF ने 3 जून, 2021 को बीजेपी नेता राकेश पंडिता की हत्या की थी। 11 अगस्त 2021 को राजौरी जिले में सेना पर हमला किया था। इसके अलावा 11 अक्टूबर, 2021 को PAFF ने पुंछ जिले में जवानों पर हमला किया, जिसमें 9 जवान शहीद हुए थे। वहीं 3 अक्टूबर 2022 को जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल) हेमंत लोहिया की घर में घुसकर हत्या की थी।

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गृह मंत्रालय ने इस आतंकी संगठन पर इसी साल जनवरी में बैन लगा दिया था। गौर करने वाली बात ये है कि मई महीने में G-20 की बैठक होने वाली है, जिसे आतंकी बौखला गए है और वो कश्मीर की शांति को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

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