राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस पर गृहमंत्री ने जवानों के बलिदान को किया याद

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आज “ राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस ”  है।  हर वर्ष पुलिस राष्ट्रीय स्मृति दिवस’, लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स इलाके में 1959 में चीन के आक्रमण की जवाबी कार्रवाई के दौरान जान गंवाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 10 जवानों की याद में मनाया जाता है।  शुक्रवार को इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शिर्ष पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को संबोधित किया।

शाह ने जम्मू कश्मीर का किया जिक्र

गृहमंत्री ने इस दौरान कहा कि ‘पूर्वोत्तर में, हमने सशस्त्र बलों (अफस्पा के तहत) को दी गई विशेष शक्तियों को वापस ले लिया है। शाह ने कहा कि हमने इसके बजाय वहां के युवाओं को विशेष अधिकार दिए हैं जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में हिंसा 70 प्रतिशत तक कम हुई है। अमित शाह ने जम्मू कश्मीर का भी जिक्र किया। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मी में हालात बदल गए है। पहले जो सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंका करते थे वे अब पंच और सरपंच बन गए है। शाह ने इस दौरान वामपंथी उग्रवाग से प्रभावित राज्यों का जिक्र भी इस दौरान किया और कहा कि वामपंथी उग्रवाग से प्रभावित राज्यों के स्कूलों में भी अब राष्ट्रगान गाया जा रहा है और स्कूलों की बिल्डिंग पर तिरंगा शान से फहरा रहा है।

जवानों के बलिदान को किया याद

पुलिस और अर्धसैनिकों बलों के जवानों के बलिदान को याद करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि भारत पुलिस और अर्धसैनिकों बलों के जवानों के बलिदान के कारण ही विकाश के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गृहमंत्री ने कहा कि देशभर की पुलिस फोर्स और सीएपीएफ के साढ़े तीन हजार से अधिक जवानें ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए और देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना सर्वेच्च बलिदान दिया है और उनके बलिदान को देश को याद कर देश कृतज्ञ। राष्ट्रीय स्मृति दिवस के दौरान गृहमंत्री शाह ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सेवा के लिए उनका धन्यवाद किया।

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